मंडी। पंडोह से लेकर सलापड़ तक जितने भी हाईवे किनारे रैस्टोरेंट वहां पर ग्राहकों का मंदा पड़ा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद अप्रैल की महीना शुरू होते ही शराब के ठेके हटा दिए गए। इसके अलावा जिन रैस्टोरेंटों के पास बार लाईसेंस थे उन पर भी इसकी गाज गिरी है। आलम यह है कि जिन रैस्टोंरेट मेें ग्राहक ही ग्राहक होते थे। अब वहां सन्नाटा छाया हुआ है। कुछ लोग तो बेरोजगार हो गए। मगर इस शराबंदी का फायदा शराब माफिया को मिल रहा है। यह माफिया दो सौ की बोतल पांच सौ और सात सौ बेच रहा है। जब से हाईवे किनारे बार और ठेके बंद हुए तब से माफिया भी सक्रिय हो गया है। आए दिन पुलिस भी इन्हे पकड़ रही है। आजकल चांदी गांव के लिंक रोड पर बने अवैध अहातों की हुई है। जब से ठेके और बार बंद हुए तब से अवैध रूप से माफिया सक्रिय हो गया है। ऐसे में सरकार को माफिया से निपटने के अतिरिक्त बल की जरूरत पड़ रही है जबकि सरकार और कोर्ट इसी बल को हाईवे किनारे लागू करने आवर स्पीड करने के वालों के खिलाफ कार्रवाई कर सकते है।
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