नेरचौक। प्रदेशभर में प्रशासन द्वारा चलाए गए अभियान के तहत बेसहारा पशुओं को रेडियम के पट्टे गले में पहनाने की मुहिम शुरू की गई थी। लेकिन इस मुहिम को लागू करना मानो उपमंडल बल्ह भूल ही गया है। उपमंडल बल्ह के अंतर्गत जितने भी मार्ग, उच्च मार्ग या फिर फोरलेन राष्ट्रीय उच्च मार्ग आते हैं। उन पर लावारिस पशुओं के झुंड रात-दिन सड़कों के बीचों-बीच खड़े या बैठे देखे जा सकते हैं। रात्रि के समय इन बेसहारा पशुओं की वजह से कई मर्तबा वाहनों के टकराने से काफी नुकसान हुआ है। यही नहीं, कुछ एक बार तो दोपहिया वाहन चालकों को बेशकीमती जान भी गवानी पड़ी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों और स्थानीय निवासियों का कहना है कि बिना रेडियम पट्टे के बेसहारा पशु जब रात्रि के समय सड़क के बीचों-बीच खड़े या बैठे होने के कारण उनका पता ही नहीं चल पाता। इससे दुर्घटना का अंदेशा हर वक्त बना रहता है। वहीं दूसरी ओर, बेजुबान पशु वाहनों की टक्कर से घायल हो कई दिनों तक सड़क किनारे पडे़ रहने के कारण मर जाते हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से पशुओं को आवारा छोड़ने वालों पर कार्रवाई करने और रेडियम पट्टे पहनाए जाने का इंतजाम करने की मांग की है।
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