मंडी। जिले की प्रसिद्ध त्रिवेणी धर्म की नगरी रिवालसर झील आजकल अपने अस्तित्व को लेकर चर्चा में है । पिछले दो दिन पानी का रंग जिस तरह से मटमैला हो गया है, उससे इस झील के पानी की शुद्धता पर खतरा मंडरा गया है। ताजा जानकारी के अनुसार झील में मछलियों के मरने की अभी तक कोई बात सामने नहीं आई है। मगर पानी का रंग एकदम से पीले रंग का मटमैला सा क्यों हो गया और क्यों पानी से गंदगी की बदबू आ रही है, इसका पता फिलहाल नहीं चल पाया है। लोग इसे सीवरेज से छोड़ी हुई गंदगी का असर बता रहे हैं, लेकिन यह सब सुनी-सुनाई बाते हैं, इसलिए इसपर पूरी तरह विश्वास करना ठीक नहीं है।
अब नगर पंचायत ने आनन-फनन में इस झील के पानी के सैंपल नगर पंचायत में ले लिए है। अब इन सैंपलों की रिपोर्ट से ही पता चल पाएगा कि आखिर पानी के रंग बदलने का माजरा क्या है। जिस नगर पंचायत को रिवालसर झील से लाखों रूपए की आमदनी होती है। वहीं नगर पंचायत इस झील के लिए कुछ नहीं कर पाई। सीवरेज की लिकेज और झील के किनारे अवैध निर्माणों पर न प्रशासन कभी संज्ञान लिया और न ही एनजीटी के निर्देशों का पालन हुआ। अगर ऐसा ही चलता रहा तो ये झील भी अपना अस्तित्व खो देगी।
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