इस दौरान श्रद्धालुओं ने चारवेद पर धन की वर्षा की। देव हुरंग नारायण का छिद्रा संपन होते ही दे नारायण अपने मंदिर में विराज गए। काहिका उत्सव में आए हजारों की संख्या में आस्थावान लोगों ने चार वेद के नीचे स्वयं का पापों से मुक्ति की लेकर चार वेद के नीचे नड़वेदी पंडितों के हाथों अपना छिद्रा करवाया। भारी बर्षा के बावजूद लोग चारवेद के नीचे छिद्रा करवाते रहे। चारवेद के नीचे देव हुरंग नारायण का भेखले का विशाल मोहरा रखा गया है। इस काहिका उत्सव में नड़ सोमदत उर्फ गुड्डू मुख्य नड़ की भूमिका निभा रहे हैं। ये भी पढ़ें - यहां बहन सेहरा बांध, ब्याह कर लाती है भाभी
जिला कुल्लू के सिरडा और हराबाग जोगिंदरनगर से लगभग 30 नड़ काहिका उत्सव की शोभा बढ़ा रहे हैं। काहिका में सोमवार सांय तक नड़वेदी पंडितों द्वारा छिद्रा प्रथा को अंजाम दिया जाएगा। इसके उपरांत मुख्य नड़ देव शक्ति से पहले मृत देव को प्राप्त होंगे। नड़ की अर्थी पूरे सुराहण गांव में घुमाई जाएगी। बाद में देव शक्ति से नड़ मर कर फिर जिंदा हो जाएंगे। हजारों की संख्या में लोग इस दौरान काहिका में अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे।
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