कुल्लू। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी अक्षय सूद ने कुल्लू जिला के हथकरघा उद्यमियों और बुनकर सभाओं के पदाधिकारियों से अपने पारंपरिक उत्पादों को देश-प्रदेश के बाजारों में बेचने के अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी उतारने की अपील की है। मंगलवार को जिला परिषद के सम्मेलन कक्ष में केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय की हथकरघा निर्यात प्रोत्साहन परिषद द्वारा जिला उद्योग केंद्र के सहयोग से आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए अक्षय सूद ने कहा कि हथकरघा उत्पादों के बाहरी देशों को सीधे निर्यात से स्थानीय उद्यमियों व बुनकरों की आय में कई गुणा वृद्धि हो सकती है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि विश्व के बाजार में हथकरघा उत्पादों के कारोबार में लगभग 95 प्रतिशत हिस्सेदारी अकेले भारत की ही है। भारत प्रतिवर्ष लगभग ढाई हजार करोड़ रुपए के हथकरघा उत्पादों का निर्यात करता है, लेकिन इस निर्यात में हिमाचल प्रदेश का योगदान बहुत कम है। एडीएम ने कहा कि कुल्लू जिला के हथकरघा उद्योग में निर्यात की काफी अच्छी संभावनाएं हैं। इसी के मद्देनजर केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय ने हथकरघा निर्यात प्रोत्साहन परिषद के माध्यम से यह कार्यशाला आयोजित की है। परिषद की मदद से कुल्लू जिले के उद्यमी व बुनकर भी बड़ी आसानी से अपने उत्पादों का निर्यात कर सकते हैं।
टैक्सटाइल सैक्टर की स्किल काउंसिल के निदेशक विजय यादव, बुनकर सेवा केंद्र दिल्ली के अतिरिक्त निदेशक पी दिरपा, राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान कांगड़ा के प्रोफेसर असित भट्ट और राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम के एसएस शिंदे ने भी स्थानीय हथकरघा उद्यमियों व बुनकर सभाओं के पदाधिकारियों को उत्पादों की गुणवत्ता और निर्यात से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं से अवगत करवाया। कार्यशाला में जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक पवन भारद्वाज, बुनकर सभा भुट्टिको के अध्यक्ष सत्यप्रकाश ठाकुर, मुख्य महाप्रबंधक रमेश ठाकुर, बुनकर क्षेत्र से जुड़े शिवचरण चौहान और अन्य उद्यमी भी उपस्थित रहे।
करघा
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