कांगड़ा । राज्य सरकार ने प्रदेश
में शून्य लागत प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए बजट में 25 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है और राज्य
सरकार विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान करने के लिए वैज्ञानिकों को समर्थन
सुनिश्चित करेगी। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने जिले के
पालमपुर स्थित हिमालयन बायो रिसोर्स टेक्नोलॉजी के सीएसआईआर संस्थान (आईएचबीटी)
में अपनी पहली मुलाकात के दौरान जनसभा को सम्बोधित करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि
हमें अपनी सदियों पुराना पारम्परिक फसल पद्वति को अपनाना चाहिए, क्योंकि इसमें किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव
नही है और काफी किफायती भी है। उन्होंने कहा कि रासायनिक उर्वरकों के अत्यधिक
उपयोग के कारण मिट्टी की प्रजनन क्षमता प्रभावित हुई है और साथ ही यह हमारे
स्वास्थ्य के लिए दुष्प्रभाव पैदा कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वेदशी
नस्ल की गायों को पालने के लिए किसानों को हर सम्भव सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने
कहा कि राज्य सरकार जिला तथा उप-मण्डल स्तर पर गौ-सदनों की स्थापना करेगी, जिसके लिए सरकार ने प्रमुख मन्दिरों में चढ़ावे
का 15 प्रतिशत गौ-सदनों के
प्रबन्धन के लिए उपयोग करने का निर्णय लिया है। इसी प्रकार, शराब की प्रत्येक
बोतल की बिक्री पर एक रुपया गौ-सदनों के लिए वसूला जाएगा।
जय राम ठाकुर ने कहा
कि देश की 70 प्रतिशत से अधिक
आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है और मुख्य व्यवसाय कृषि तथा संबद्ध गतिविधियां
हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के विकास पर ध्यान दिए बिना देश के विकास
के बारे में सोचना सम्भव नहीं है। उन्होंने वैज्ञानिकों से अपना अनुसंधान किसानों
तक पहुंचाने का आग्रह किया ताकि वह अपनी आय में वृद्धि के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकी
को अपनाकर लाभान्वित हो सकें। उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण की चुनौतियों से निपटने
के लिए प्रत्येक क्षेत्र में नई पहल करना समय की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने संस्थान
द्वारा एरोमेटिक ऑयलस ऑफ हिमालयाज़ वैबसाईट का शुभारम्भ किया।
उन्होंने इस अवसर पर
सब्बैटिकल होम का भी लोकार्पण किया।
इस अवसर पर सामुदायिक वितरण
इकाईयों की स्थापना पर किसान समितियों के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए गए।
मुख्यमंत्री ने किसानों
को जंगली मैरीगोल्ड की सुधरी किस्म के बीज प्रदान किए।
पूर्व मुख्यमंत्री तथा
सांसद शांता कुमार ने कहा कि देश विकास के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है लेकिन आजादी के 71 वर्षों के बाद भी देश के किसानों के लिए अभी
बहुत किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने
वर्ष 2022 तक किसानों की आय को
दोगुणा करने का लक्ष्य रखा है, जो बेहद संतुष्टि
का विषय है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अनुसंधान का खेतों तथा आम
आदमी तक पहुंचना अत्यंत अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पुष्प उत्पादन की
अपार संभावना है और इसके उचित विपणन पर बल दिया जाएगा। उन्होंने राज्य सरकार से
संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा किए जाने वाले अनुसंधान को कॉरपरेट घरानों से जोड़ने
का आग्रह किया। उन्होंने देशी गायों की नस्ल के पालन पर बल दिया तथा राज्य सरकार
से इस नस्ल को प्रोत्साहित करने का आग्रह किया।
स्वास्थ्य एवं परिवार
कल्याण मंत्री विपिन सिंह परमार ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि संस्थान
की स्थापना पालमपुर में 1983 में की गई थी और
संस्थान प्रदेश में समृद्ध जैव-विविधता के संरक्षण के लिए निरंतर भरसक प्रयास कर
रहा है। उन्होंने कहा कि संस्थान से उर्तीण होने वाले विद्यार्थी जैव-संरक्षण के
क्षेत्र में सराहनीय सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम
ठाकुर के नेतृत्व में ‘शिखर की ओर आगे
बढ़ रहा है हिमाचल’। उन्होंने कहा
कि मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तुत किया गया बजट सरकार का विजन दस्तावेज है तथा
प्रदेश के चहुंमुखी विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
आईएचबीटी के निदेशक संजय
कुमार ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री तथा अन्य गणमान्यों का स्वागत किया तथा संस्थान
द्वारा की विभिन्न गतिविधियों बारे विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि
सीएसआईआर-आईएचबीटी प्रदेश में वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद की एक मात्र
प्रयोगशाला है। उन्होंने कहा कि प्रदेश जैव-विविधता से समृद्ध है तथा इसके संरक्षण
के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
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