ज्वालामुखी। ज्वालामुखी के लोरेट ग्लोबल स्कूल की ओर से मजदूर, श्रम, श्रमिक अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया गया। इस मौके पर स्कूल की प्रधानाचार्य डॉक्टर प्रतिमा अशावत ने कहा कि विभिन्न गैर सरकारी संगठन, एनपीओ, सरकारी या निजी प्रतिष्ठान, कल्याण संघ आदि श्रमिकों के लाभ के लिए काम करते हैं। उन्होंने कहा कि एक मई को दुनिया के कई देशों में लेबर-डे मनाया जाता है और इस दिन देश की लगभग सभी कंपनियों में छुट्टी रहती है। भारत ही नहीं दुनिया के करीब 80 देशों में इस दिन राष्ट्रीय छुट्टी होती है। उन्होंने कहा कि भारत में मजदूर दिवस कामकाजी लोगों के सम्मान में मनाया जाता है। भारत में लेबर किसान पार्टी ऑफ हिन्दुस्तान ने 1 मई 1923 को मद्रास में इसकी शुरुआत की थी। हालांकि उस समय इसे मद्रास दिवस के रूप में मनाया जाता था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अंतराष्ट्रीय तौर पर मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत 1 मई 1886 को हुई थी। अमेरिका के मजदूर संघों ने मिलकर निश्चय किया कि वे 8 घंटे से ज्यादा काम नहीं करेंगे। इसके लिए संगठनों ने हड़ताल की। हड़ताल के दौरान शिकागो की हेमार्केट में बम ब्लास्ट हुआ, जिससे निपटने के लिए पुलिस ने मजदूरों पर गोली चला दी। इसमें कई मजदूरों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इसके बाद 1889 में अंतरराष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन में ऐलान किया गया कि हेमार्केट नरसंहार में मारे गए निर्दोष लोगों की याद में 1 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाएगा और इस दिन सभी कामगारों और श्रमिकों का अवकाश रहेगा।
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