ज्वालामुखी (मोनिका शर्मा)। पूर्व विधायक संजय रतन ने भाजपा विधायक रमेश धवाला को सलाह दी है कि वे पिछले पांच सालों के ज्वालामुखी मंदिर में कराये गये विकास कार्यों की जांच करवाने के बजाय अपने कार्यकाल के 15 साल भी साथ जोड़ें। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
संजय रतन ने यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुये कहा कि धवाला तीन बार ज्वालामुखी से विधायक रहे व केबिनेट मंत्री भी रहे। उनके ही कार्यकाल में डेढ़ किवंटल चांदी का घोटाला मंदिर के आॅडिट के समय सामने आया था। क्या उसकी जांच धवाला करवाएंगे। अगर धवाला में साहस हो तो जांच पिछले बीस साल में हुये कामकाज की होनी चाहिये।
संजय रतन ने कहा कि चांदी घोटाले के समय जो मंदिर न्यास में न्यासी थे, वह धवाला के ही चहेते थे। लेकिन मामले को दबा दिया गया। लिहाजा अब देखना होगा कि मंदिर न्यास में वही न्यासी धवाला की सिफारिश पर दोबारा मनोनीत होते हैं, या कोई बेदाग छवि के। उन्होंने याद दिलाया कि धवाला के एक चहेते न्यासी ने करीब दस लाख रूपये की राशी जो करनाल के श्रद्धालु ने मंदिर में दान की थी। कि रिकवरी तीन साल साल बाद कांग्रेस राज में हुई थी। क्या यह भ्रष्टाचार नहीं है।
उन्होंने दावा किया कि उनके कार्यकाल में मंदिर में किसी भी प्रकार की कोई गड़बड़ नहीं हुई। मंदिर न्यास में जब एक न्यास के सदस्यों को पैसा चोरी करते पकड़ा गया,तो हमनें तुरंत कार्रवाई की व उसे हटा दिया। लेकिन धवाला के समय ऐसा नहीं हुआ। व धवाला अब फिर चांदी घोटाले में शामिल लोगों को एक बार फिर मंदिर न्यास में मनोनीत करवा रहे हें।
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