हमीरपुर। अपने बच्चों के लिए मां कुछ भी कर सकती है। मां की ममता और हौंसले के आगे हर कोई नतमस्तक है। मेरे बच्चे को कुछ नहीं होना चाहिए। मैं रहूं ना रहूं, लेकिन मेरा बच्चा ठीक होना चाहिए।
यह कहना है कि अम्मण गांव की 50 साल की मां सुमना देवी का। उन्होंने अपनी किडनी दे कर बेटे को नया जीवन दान देने की ठान ली है। लेकिन, किडनी ट्रांसप्लांट पर लाखों रुपए की समस्या उनके आड़े आ रही है, इसके चलते उन्हें मदद की दरकार है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अम्मण गांव की 50 वर्षीय सुमना देवी का कहना है कि उनका 35 वर्षीय बेटा शशि कुमार आयशर कंपनी में कार्यरत था। शशि ने वीकनैस महसूस होने के चलते 5 जुलाई को डॉक्टर की सलाह पर अपना टेस्ट करवाया। जिसमें उन्हें अपनी दोनों किडनियां खराब होने का पता चला, तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई।
डॉक्टर ने उन्हें जल्द किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी। जिस का कुल खर्चा करीब 15 लाख रुपए बताया है।
सुमना देवी का कहना है कि उनके पति दिहाड़ी-मजदूरी करते थे, बड़ी मुश्किल से बेटे को पढ़ा कर इस मुकाम तक पहुंचाया। लेकिन अब घर का इकलौता कमाने वाला बेटा ही बीमारी की चपेट में आ गया है। अब किडनी ट्रांसप्लांट के लिए इतना खर्चा परिवार उठाने में असमर्थ है।
उन्होंने बताया कि शशि की एक दो वर्षीय बेटी हर्षिता है, जबकि इसी माह शशि की पत्नी की डिलवरी भी डयू है। उन्होंने दानवीरों से शशि रणौत के अकांउट नंबर 50100624966062 (आईएफएसओ कोड:-एचडीएफसी0002103) व गूगल-पे नंबर 9041187717 सहायता राशि भेजने की दरकार की है ताकि उनके बेटे को नया जीवन मिल सके।
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