हमीरपुर। नगर परिषद सुजानपुर के नवनिर्वाचित अध्यक्ष शकुंतला देवी और उपाध्यक्ष मनीष गुप्ता को एसडीएम सुजानपुर डॉक्टर रोहित शर्मा ने मंगलवार को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। नगर परिषद सुजानपुर को लगभग 7 माह बाद नया अध्यक्ष मिला है। जबकि उपाध्यक्ष का पद भी 2 माह से खाली था। नगर परिषद सुजानपुर को अब नया अध्यक्ष और उपाध्यक्ष मिल गया है।
बीते माह 29 जुलाई को अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव में वार्ड नंबर 2 की पार्षद शकुंतला देवी अध्यक्ष और वार्ड नंबर 9 के पार्षद मनीष गुप्ता नगर परिषद के उपाध्यक्ष चुने गए थे। तब सुजानपुर में भाजपा ने पार्षद शकुंतला देवी को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया था। जबकि कांग्रेस ने भाजपा में सेंध लगाते हुए भाजपा समर्थित पार्षद सुनीता देवी को अपना उम्मीदवार घोषित किया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उपाध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस ने पार्षद मनोज ठाकुर को अपना उम्मीदवार बनाया। इसी पद के लिए कांग्रेस पार्षद मनीष गुप्ता ने भी अपना नामांकन भर दिया था। वोटिंग में भाजपा की अध्यक्ष की पद की उम्मीदवार शकुंतला देवी को 5 वोट पड़े जबकि सुनीता देवी को 4 वोट पड़े। जिस पर शकुंतला देवी को विजयी घोषित किया गया था। इसी तरह उपाध्यक्ष के पद के लिए हुए मतदान में मनीष गुप्ता को 5 जबकि मनोज ठाकुर को 4 वोट पड़े तथा मनीष गुप्ता को विजयी घोषित कर दिया गया था।
सुजानपुर के विधायक ने भी मतदान में लिया हिस्साः
नगर परिषद सुजानपुर में कुल 9 पार्षद हैं। लगभग 6 माह पूर्व अध्यक्ष सुनीता देवी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था तथा उन्हें उनके पद से हटा दिया गया था। जबकि लगभग 1 माह पूर्व नगर परिषद उप प्रधान एवं वार्ड नंबर 7 के पार्षद पवन कुमार का निधन होने के चलते यह पद खाली हो गया था।
तब मतदान प्रक्रिया में सुजानपुर के विधायक कैप्टन रंजीत सिंह ने भी भाग लिया लेकिन अपने वोट के बावजूद वह अपने प्रत्याशियों को विजय नहीं दिला सके तथा एक रणनीति के तहत भाजपा अध्यक्ष पर झटकने में जहां कामयाब हो गई वहीं उपाध्यक्ष पद पर अपना उम्मीदवार न उतार कर कांग्रेस के बागी उम्मीदवार को अपना समर्थन देकर उसे जीत दिला दी थी।
कांग्रेस समर्थित पार्षदों ने समारोह से बनाई दूरीः
नगर परिषद सुजानपुर में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद को लेकर के हुए चुनाव में कांग्रेस के पदाधिकारियों के बीच पैदा हुई खटास जग जाहिर होने लगी है। मंगलवार को इसकी बानगी देखने को मिली जब शपथ समारोह कार्यक्रम में भाजपा के बड़े खेमे ने शिरकत की तो दूसरी ओर कांग्रेस समर्थित पार्षदों व पदाधिकारियों ने इस कार्यक्रम से दूरी बनाए रखी। उधर, उपाध्यक्ष पद पर विराजमान कांग्रेस महासचिव मनीष गुप्ता ने तो अपने कांग्रेस से निष्कासन को लेकर ब्लॉक कांग्रेस के अधिकार क्षेत्र पर सवालिया निशान लगा दिया।
कांग्रेस पार्टी से निष्कासन पर उन्होंने कहा कि वो वर्तमान में कांग्रेस के जिला महासचिव हैं तथा उन्हें कांग्रेस पार्टी से निष्कासन का अधिकार ब्लॉक कांग्रेस के अध्यक्ष के पास नहीं है। जिस तरह छोटे कर्मचारियों को बड़े अधिकारी को निष्कासित करने का अधिकार नहीं होता उसी तरह ब्लॉक कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष को उन्हें निष्कासित करना करने का कोई अधिकार नहीं है। उनको या तो जिला कांग्रेस अध्यक्ष या प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पास निष्कासित कर सकते हैं।
गौरतलब है कि बीते माह हुए हुए नगर परिषद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव में अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के लिए जो प्रत्याशी कांग्रेस ने अधिकृत किए थे बहुमत का आंकड़ा होने के बावजूद उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था तथा कांग्रेस विचारधारा के मनीष गुप्ता ने भाजपा पार्षदों से मिलकर उपाध्यक्ष का पद पर जीत हासिल की थी। ब्लॉक कांग्रेस ने इस प्रकरण के बाद मनीष गुप्ता को कांग्रेस पार्टी से निष्कासित करने का फरमान किया गया था। उधर ब्लॉक कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र वर्मा ने इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
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