हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के पूर्व सचिव एवं एचएएस अधिकारी डॉ. जितेंद्र कंवर की मुश्किलें बढ गई हैं। पेपर लीक मामले में डॉ. जितेंद्र कंवर के खिलाफ सरकार से अभियोजन को मंजूरी मिल गई है और अब विजिलेंस तेजी से जांच कर रही है। विजिलेंस पूर्व सचिव डॉ. जितेंद्र कंवर को पूछताछ के लिए विजिलेंस थाना में तलब करेगी। अगर डॉ. जितेंद्र कंवर ने जांच में सहयोग नहीं किया तो विजिलेंस उन्हें गिरफ्तार भी कर सकती है। विजिलेंस इससे पहले संबंधित एचएएस अधिकारी का मोबाइल फोन, लैपटॉप समेत कंप्यूटर की हार्ड डिस्क को अपने कब्जे में ले चुकी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इन इलेक्ट्रिॉनिक उपकरणों की एफएसएल रिपोर्ट भी विजिलेंस के पास आ चुकी है। विजिलेंस अब इस रिपोर्ट की जांच पड़ताल कर रही है। गौरतलब है कि जेओए आईटी मामले में विजिलेंस ने आयोग की गोपनीय शाखा की वरिष्ठ सहायक उमा आजाद को मुख्य आरोपी बनाया था। इसके अलावा सात अन्य लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया था। कारण ये है कि भर्ती परीक्षाओं के आवेदन की छंटनी, प्रश्नपत्रों की प्रिंटिंग और छंटनी परीक्षाओं के संचालन व स्ट्रांग रूम की देखरेख का पूरा जिम्मा आयोग के सचिव डॉ. जितेंद्र कंवर के पास ही रहता था।
इससे पता चलता है कि पेपर लीक मामले में पूर्व सचिव डॉ. जितेंद्र कंवर की बड़ी लापरवाही थी। इसी के साथ जेओए आईटी के अलाव कंप्यूटर ऑपरेटर और जूनियर ऑडिटर का पेपर भी लीक हो चुका है। अभियोजन की मंजूरी मिलने के बाद पेपर लीक मामले में अब विजिलेंस अनुपूरक चार्जशीट जल्द हमीरपुर न्यायालय में पेश करेगी। सूत्रों के अनुसार विजिलेंस की एएसपी रेणू शर्मा ने बताया कि आयोग के पूर्व सचिव डॉ. जितेंद्र कंवर को पेपर लीक मामले में पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा और अगर वो पूछताछ में सहयोग नहीं करते हैं तो उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है।
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