हमीरपुर। सरकार ने बड़ी कार्यवाही करते हुए जिले के दो ड्रग रिहैबिलिटेशन सेंटरों को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया हैं। इन सेंटरों पर राज्य मेंटल हेल्थ अथॉरिटी की गाइडलाइन की पूरी तरह अवेहलना हो रही थी। यहां ना तो मरीजों का रिकॉर्ड ना ही काउंसलर की नियुक्ति यहां तक कि दवाओं से संबंधित भी रिकॉर्ड मेंटेन नहीं था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जिला इंस्पेक्शन टीम की ओर से बीते महीने चार सेंटरों पर इंस्पेक्शन की गई थी। दो पर तो सब ठीक-ठाक चल रहा था लेकिन इन दो सेंटरों पर कमियां पाई गई थी उसके बाद इसे सुधारने के लिए उन्हें समय दिया गया था। इसकी रिपोर्ट बाकायदा इंस्पेक्शन टीम की ओर से राज्य मेंटल हेल्थ अथॉरिटी के अलावा सेक्रेट्री हेल्थ को भी भेजी गई थी जहां से यह सरकार तक भी पहुंची थी। वहां से आदेश होते ही इन्हें तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया।
बड़सर क्षेत्र के इन दो सेंटरों को एनजीओ के माध्यम से चलाया जा रहा था जिसे चलाने के लिए राज्य मेंटल हेल्थ अथॉरिटी की ओर से पंजीकरण था। बीते रोज बड़सर के एसडीएम की देखरेख में जिला इंस्पेक्शन टीम के अध्यक्ष सीएमओ के अलावा डॉक्टर राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज के मनोचिकित्सक, दूसरे स्पेशलिस्ट और पुलिस विभाग से एसएचओ ने वहां पहुंचकर इंस्पेक्शन की तो जो उन्हें कर्मियों को दूर करने के लिए समय दिया गया था, वह अधूरी ही थी इसके बाद ऊपरी आदेशों के तहत इन्हें तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया।
इंस्पेक्शन टीम बड़सर क्षेत्र के होम सेंटर ओर पॉइंट केंद्र पर जांच की तो तो नियम पूरे नहीं हो रहे थे। एक केंद्र को 2021 में और दूसरे को 2019 को राज्य मेंटल हेल्थ अथॉरिटी से पंजीकृत करवाया गया था। दो दर्जन से ज्यादा लोगों का उपचार चल रहा था। इंस्पेक्शन टीम ने इन्हें तत्काल प्रभाव से बंद करने के साथ ही वहां दीवारों पर इन्हें बंद करने संबंधी सूचना भी लगा दी गई है।
इंस्पेक्शन टीम की ओर से 14 जून 2023 को यहां इंस्पेक्शन की गई थी। अब इन डीनोटिफाई किए गए सेंटरों को नहीं चलाया जा सकता क्योंकि यह सीधा ड्रग रिहैबिलिटेशन से जुड़ा हुआ मामला है। इंस्पेक्शन टीम ने गाइडलाइन के तहत 14 बिंदुओं को सुधारने के निर्देश दिए थे।
जिला इंस्पेक्शन टीम ने जो रिपोर्ट तैयार की थी उसमें कहा गया था कि दिशा निर्देशों के अनुसार स्थान पर्याप्त नहीं, मरीजों के मनोरंजन और परामर्श के लिए पर्याप्त जगह नहीं, मनोचिकित्सक के पास जाना उपलब्ध नहीं, योग्य परामर्शदाता उपलब्ध नहीं है, सामाजिक कार्यकर्ता उपलब्ध नहीं, स्टाफ नर्स चौबीस घंटे उपलब्ध होनी चाहिए, वोकेशनल ट्रेनर उपलब्ध नहीं, योग प्रशिक्षक उपलब्ध नहीं, भर्ती मरीजों की कोई यूनिक आईडी नहीं, एमओ द्वारा लिखी गई दवा के रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं, मरीज रजिस्टर उपलब्ध नहीं, डॉक्टर के नुस्खे उपलब्ध नहीं, दवा संबंधी रिकार्ड उपलब्ध नहीं, डिस्चार्ज स्लिप, सारांश उपलब्ध नहीं होने और दवाओं की खरीद का विवरण उपलब्ध नहीं होने के साथ गाइडलाइन पूरी नहीं हो पा रही थी।
हेल्थ अथॉरिटी की गाइड लाइन का पालन नहीं होने से किया बंदः
जिले के चार ड्रग रिहैबिलिटेशन सेंटरों पर निरीक्षण किया गया है। दो सेंटरों में राज्य मेंटल हेल्थ अथॉरिटी की गाइडलाइन का पालन नहीं हो पा रहा था। बीते महीने की इन दोनों सेंटरों को सुधारने के निर्देश दिए गए थे लेकिन वह नहीं हुआ रिपोर्ट राज्य मेंटल हेल्थ अथॉरिटी के साथ सेक्रेट्री हेल्थ को भी भेज दी गई थी। जहां से आदेश मिलते ही इन दोनों सेंटरों को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है और रिपोर्ट को भेज दिया गया है।
-डॉ आर के अग्निहोत्री, सीएमओ एवं अध्यक्ष जिला इंस्पेक्शन टीम
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