धर्मशाला। कांगड़ा जिला में महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करने एवं आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य के साथ स्वयं सहायता समूहों के गठन पर बल दिया जा रहा है। इस काम में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बहुत सहयोगी सिद्ध हो रहा है। मिशन के तहत महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को डिस्पोजल कप, प्लेट, सिलाई कढ़ाई, स्वैटर बुनाई, पापड़-बड़ियां, आचार-चटनी बनाने जैसे कार्यों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन रही हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
नूरपुर विकास खण्ड की मिल्ख पंचायत के गांव क्योड़ धारियां की दस महिलाओं ने भी राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का लाभ उठा कर अपनी सफलता की नई कहानी गढ़ी है। इन महिलाओं ने साथ मिलकर वर्ष 2011 में कृषक महिला स्वयं सहायता समूह का गठन किया था। साल 2014 में इन्होंने केंद्र सरकार की राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत लाभ लिया। समूह की सदस्यों ने खंड विकास अधिकारी कार्यालय नूरपुर के सौजन्य से डिस्पोजल सिलाई कढ़ाई, कप, प्लेट, बनाने का 15 दिन का प्रशिक्षण लेकर अपना काम शुरू किया। कार्यक्रम के तहत् समूह को डीआरडीए की ओर आरंभ में 15 हजार रूपये सहायता राशि उपलब्ध करवाई गई। महिलाओं ने इस कार्य में बहुत रूचि के साथ काम किया और प्रशिक्षण के बाद इनका डिस्पोजल कप, प्लेट, आचार, चटनी, सेमियां, बड़िया, स्वेटर बनाने का काम चल निकला और देखते ही देखते उनके दिन बदलने लगे।
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