धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में उपमंडल विधिक सेवा समिति के सदस्यों द्वारा मंगलवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला धवाला, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बनखंडी और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला ढलियारा में छठी से बारहवीं तक के छात्र छात्राओं को रैगिंग के खिलाफ जागरुक किया गया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
यह जानकारी देते हुए उपमंडल विधिक सेवा समिति अध्यक्ष एवं न्यायाधीश प्रथम श्रेणी सूर्य प्रकाश ने बताया कि वरिष्ठ अधिवक्ता बी एल चमियाल ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला धवाला, वरिष्ठ अधिवक्ता एसके नरोतरा ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बनखंडी और अधिवक्ता सुशील कुमार ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला ढलियारा में बच्चों को रैगिंग के खिलाफ जागरुक किया। उन्होंने रैगिंग के दुष्प्रभावों को बताते हुए कहा कि शिक्षण संस्थानों में रैगिंग एक कुरीति की तरह उभर रहा है जिसे कानून के माध्यम से रोका गया है।
उन्होंने बताया कि रैगिंग से प्रभावित विद्यार्थियों पर गंभीर मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है जिसकी वजह से विद्यार्थी लंबे समय तक अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता है। उन्होंने बताया कि शिक्षण संस्थानों में रैगिंग को अपराध मानते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के प्रावधान में 3 साल तक का कारावास या 50 हजार तक का जुर्माना हो सकता है।
रैगिंग की शिकायत मिलने पर यदि शिक्षण संस्थान के मुखिया द्वारा कारवाई न करने पर जुर्माना व कारावास का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि किसी विद्यार्थी को उसकी गरीबी, जाति, धर्म और लैंगिकता का मजाक उड़ाना भी अब रैगिंग की श्रेणी में अपराध माना जाता है। इन शिविरों में लगभग 750 छात्र छात्राओं ने भाग लिया।
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