धर्मशाला। शहरी विकास, आवास एवं नगर नियोजन मंत्री सरवीन चौधरी ने कहा कि महिलाओं का सामजिक, आर्थिक उत्थान तथा उन्हें विकास के समान अवसर प्रदान करना सरकार की उच्च प्राथमिकता है। प्रदेश के विकास में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित बनाने के लिए महिला कल्याण व उत्थान योजनाओं को सृदुढ़ करने के साथ-साथ अनेक नई योजनाएं चलाई गई हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सरवीन चौधरी आज रैत में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में महिला एवम् बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करने के उपरांत बोल रहीं थी। कार्यक्रम में शहरी विकास मंत्री ने ज्योति प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने महिलाओं से भी कहा कि उन्हें सभी कार्यों में आगे आना पड़ेगा तभी विकास संभव है। उन्होंने कहा कि बेटियां हर क्षेत्र में अपना नाम रोशन कर रही हैं तथा वो बेटियां ही हैं जो दो परिवारों को जोड़ती हैं।
शहरी विकास मंत्री ने कुछ क्षेत्रों में घटते लिंगानुपात पर चिंता व्यक्त करते हुए ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान के अंतर्गत जिला में लैंगिक असंतुलन को दूर करने के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता से कार्य करने के साथ-साथ लड़कियों की शिक्षा, सुरक्षा, सम्मान, स्वाभिमान और अधिकारों को लेकर भी जागरूकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बेटा और बेटी के बीच भेदभाव की मानसिकता में सकारात्मक बदलाव लाना सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।
उन्होंने इसके लिए सक्रिय भागीदारी एवं सहयोग का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार ने आशा वर्कर के मानदेय में राज्य अंश को 500 प्रतिमाह तथा साथ ही आशा वर्कर को ग्रामीण क्षेत्र प्रसव से पहले जांच के लिए 600 रुपये जबकि शहरी क्षेत्र में 400 रुपए दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष सरकार ने सहारा योजना आरंभ की थी इस योजना के अंतर्गत गम्भीर बीमारी से ग्रस्त लोगों को दो हजार रुपए देने का प्रावधान किया गया है।
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