धर्मशाला। सुप्रीम कोर्ट में हिमाचल सरकार के अधिवक्ता रमजान खान ने यहां अध्यापकों से स्कूली शिक्षा में पढ़ाने का आहवान करते हुए दलील दी कि महज किताबी ज्ञान से कुछ नहीं होने वाला। स्थानीय रविन्दर नाथ टैगोर मेमोरियल स्कूल के वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह में बोलते हुए उन्होंने कहा कि विडंबना है कि हमारी शिक्षा पध्दति में बच्चों की मौलिकता को पूरी तरह नष्ट करने के सारे तत्व विद्यमान हैं। उन्हें एक बने-बनाए शैक्षिक सांचे में ढालने की एक हद तक क्रूर कोशिश जारी है। जो अपनी सोच, तर्कबुध्दि और मौलिकता को परे रखकर आंख-कान बंद करके, होंठ सिलकर इस सांचे में पूरी तरह ढल जाता है, उसे सफल करार दिया जाता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
रमजान खान ने कहा कि सफलता का यह ताज प्रावीण्यता के नाम से पहनाया जाता है। जो बच्चे इस सांचे में नहीं ढल पाते या आधे-अधूरे ढलते हैं और अपनी स्वाभाविक, प्राकृतिक बुध्दि के बल पर अलग राह अपनाना चाहते हैं, उन्हें शिक्षा ग्रहण करने के दौरान असफलता का बोझ कई बार ढोना पड़ता है। बाद में वे जिंदगी में सफल हो गए, तो फिर भले उनके लीक से हटकर चलने की तारीफ की जाए।
बकौल उनके शिक्षक और मां-बाप दोनों ही बच्चों के कोमल मन को पढऩे-समझने में अक्सर असफल साबित रहे हैं, जिसका खामियाजा उपरोक्त घटनाओं के रूप में समाज को भुगतना पड़ता है। अगर हम बच्चों को कोमलता, परस्पर सौहाद्र्र, बड़ों का सम्मान, बुर्जुगों की देखभाल, प्रकृति की रक्षा, नैतिकता आदि का व्यावहारिक ज्ञान नहीं देंगे, तो फिर उनसे बदले में ऐसे व्यवहार की उम्मीद कैसे कर सकते हैं।
उन्होंने दलील दी कि जब हम उन्हें नेतृत्व करने की प्रेरणा देने की जगह सिर झुकाए हर बात मानने को बाध्य करेंगे, तो भविष्य में अच्छे नेताओं की उम्मीद कैसे कर सकते हैं। जब हम उन्हें निर्णय लेने की जगह निर्णय मानने पर ही बाध्य करेंगे, तो देश के भावी निर्णायकों को कैसे तैयार कर पाएंगे।
जब हम बच्चों को किताबों की जल्दी में ही बांध कर रखेंगे, तो जिंदगी की व्यावहारिक कठिनाइयों में संभलने की शिक्षा कैसे दे पाएंगे। लिहाजा समय का तकाजा है कि पठन पाठन का तौर तरीका बदलना होगा। इस अवसर पर स्कूल के प्रिंसिपल ओ पी वशिष्ठ ने सालाना रिर्पोट पढ़ी। वहीं स्कूली छात्रों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किये। मेधावी छात्रों को सम्मानित भी किया गया। अभिभावकों को प्रति भोज भी कराया गया। इस अवसर पर स्कूल प्रबंधक रमेश कुमार व इलाके के अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे।
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