धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के डॉ. जी.सी. नेगी पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय में शनिवार को ‘विश्व पशु चिकित्सा दिवस’ का आयोजन किया गया। इसमें पशुपालन, मत्स्य पालन, ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री वीरेन्द्र कंवर मुख्य अतिथि थे।
इस अवसर पर मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि सदियों से पशु समाज के लिए लाभदायक रहे हैं। देशी नस्ल के पशुओं में उच्च गुणवत्ता का दूध पाया जाता है, जिसमें औषधीय गुणों से भरपूर विटामिन ए-2 भरपूर मात्रा में होता है। उन्होंने कहा कि पशु किसानों के लिए पैसे बरसाने वाली एटीएम मशीन होते हैं, लेकिन फिर भी कि लोग पशुपालन व कृषि को छोड़ते जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे रह रहे लोगों को आजीविका मिशन से जोड़ा जा रहा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने वैज्ञानिकों से कहा कि वे बंदरों के त्रास व लावारिस पशुओं के प्रबंधन के लिए हल ढूंढें जो किसानों के लिए मुसीबत बन चुके हैं। विश्वविद्यालय बाजार में उपलब्ध फीड की गुणवत्ता की भी जांच करें, क्योंकि ऐसी शिकायतें आ रही हैं कि निम्न गुणवत्ता की फीड भी पशुओं को अनुत्पादक बना रहा है। प्रदेश में पशुपालन गतिविधियों को सुदृढ़ करके अब पशु चिकित्सा एम्बूलैंस किसानों के दरवाजे तक पहुंच कर पशुपालकों को पशु चिकित्सा संबंधी सेवाएं प्रदान करेगी। उन्होंने इस अवसर पर पशु चिकित्सकों की भर्ती करने और सरकार की तरफ से डॉ. जी.सी. नेगी पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय को मिलने वाली अनुदान राशि को बढ़ाने की भी घोषणा की।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. अशोक कुमार सरयाल ने पशुओं की चिकित्सा व कल्याण के लिए भरपूर कार्य करने वाले पशु चिकित्सकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि पशुपालन एक ऐसा सैक्टर है, जो किसानों की आय दोगुनी करनें में सहायता कर सकता है। उन्होंने कहा कि ‘विश्व पशु चिकित्सा दिवस’ पशु चिकित्सकों को उत्साहित करने का कार्य करता है और अपने क्लाइंट के प्रति अपनी जिम्मेदारियों के प्रति आगाह करता है। उन्होंने आवारा छोड़े गए पशुओं का जिक्र करते हुए विद्यार्थियों व पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय के वैज्ञानिकों से कहा कि वे इस समस्या पर विचार करें और इसका व्यावहारिक समाधान खोजें।
कार्यक्रम में पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय के डीन डॉ. मनदीप शर्मा ने महाविद्यालय की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी और कहा कि वर्ष 1986 में अपनी स्थापना के बाद इस महाविद्यालय से स्नातक स्तर के 795, मास्टर प्रोग्राम के 392 तथा 36 विद्यार्थी पी.एच.डी. की शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं। इस अवसर पर डॉ. वाई.पी ठाकुर, वास्ता के अध्यक्ष डॉ. शिवानी कटोच ने भी विचार रखे।
मुख्य अतिथि ने छह प्रकाशनों का विमोचन भी किया और विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं में अव्वल रहे 17 छात्रों को पुरस्कार वितिरत किए। इस अवसर पर डीन पोस्ट ग्रेजुएट स्टडीज डॉ. आर.के. अग्निहोत्री, अन्य संविधिक अधिकारी, विभागाध्यक्ष तथा राज्य पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने भी कार्यक्रम में भाग लिया। राज्य बीजेपी महिला मोर्चा की अध्यक्ष इंदु गोस्वामी ने भी कार्यक्रम में शिरकत की।
केंद्र सरकार कर रही आम आदमी की अनदेखी, अमीरों का कर्जा हो रहा माफ : प्रियंका गांधी
जम्मू-कश्मीर : श्रीनगर के ग्रेनेड हमले में 12 से अधिक दुकानदार घायल, सीएम उमर अब्दुल्ला ने की निंदा
ऑस्ट्रेलिया में बोले विदेश मंत्री जयशंकर, 'पीएम मोदी के वादे को पूरा करने आया हूं'
Daily Horoscope