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कैट ने बहुराष्ट्रीय एवं कारपोरेट रीटेल कम्पनियों के उत्पादों के बहिष्कार की धमकी दी

CAT threatens boycott of products of multinational and corporate retail companies - Dharamshala News in Hindi

धर्मशाला। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ने आज आरोप लगाया कि बहुराष्ट्रीय और घरेलू कॉर्पोरेट कंपनियां मोबाइल, एफ़एमसीजीसामान, इलेक्ट्रॉनिक्स, बिजली के उपकरण स्पार्ट्स और फिटनेस सेंटर्स जैसी अन्य वस्तुओं अमेज़न एवं फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों के हाथों में खेल कर इन कम्पनियों द्वारा लागत से भी कम मूल्य और गहरी छूट के खेल में शामिल हैं। कैट इन इसकी कड़ी निंदा करते हुए उन्हें चेतावनी दी है कि या तो वे इस अनुचित व्यापार प्रथाओं को तुरंत बंद कर दें अन्यथा कैट देशभर के व्यापारियों को उनके उत्पादों के बहिष्कार करने का आवाहन करेगा ।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि कॉर्पोरेट खुदरा और एमएनसी कंपनियों की दोहरी मूल्य निर्धारण और छूट नीति के कारण देश भर में छोटे व्यापारी बुरी तरह प्रभावित हैं। ये कंपनियां ई-कॉमर्स कंपनियों को अपने उत्पादों पर भारी छूट दे रही हैं और अपने खुद के डिस्ट्रीब्यूटर्स और रिटेलर्स के लिए ऊंचे दाम रखते हुए के उनके कारोबार को तबाह कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ये कंपनियां ई-कॉमर्स कंपनियों को कई विशेष उत्पाद भी दे रही हैं और उन उत्पादों को ऑफलाइन बाजार में नहीं दिया जाता है जो निष्पक्ष बाजार प्रथाओं का एक गंभीर उल्लंघन है। इन कंपनियों की इन प्रथाओं से सरकार को राजस्व में नुकसान हो रहा है क्योंकि ये कम्पनियाँ ई-कॉमर्स कंपनियों को वास्तविक कीमत से काफी कम कीमत पर सामानों की बिक्री कर रही हैं जिस पर ये कम्पनियाँ जीएसटी वसूलते हैं जिससे सरकार को राजस्व का काफी नुकसान होता है।

भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि अक्टूबर के महीने में कैट ने 200 से अधिक अग्रणी ब्रांड कंपनियों को एक पत्र भेजकर यह स्पष्ट करने को कहा है कि क्या वे दोहरी कीमत में लिप्त हैं। अब तक इन कंपनियों में से एक भी कंपनी ने जवाब नहीं दिया है और हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि ये कंपनियां वास्तव में दोहरी कीमतों में लिप्त हैं और ई-कॉमर्स कंपनियों की मदद करने एक अपराधी बन जाती हैं।

यह बहुत खेदजनक है कि उन्हें इस तथ्य का एहसास नहीं है कि लाखों वितरक और खुदरा विक्रेता लंबे समय से उनके साथ काम कर रहे हैं और उन्होंने अपने संबंधित व्यवसायों में भारी निवेश किया है।

देश में लगभग 4.5 लाख एफ़एमसीजी डिस्ट्रिब्यूटर्स और लगभग 96 लाख रिटेलर्स, लगभग 8 लाख मोबाइल रिटेलर्स, लगभग 5 लाख इलेक्ट्रॉनिक रिटेलर्स, लगभग 9 लाख इलेक्ट्रोकल रिटेलर्स रिटेलर्स हैं, जो निर्माताओं से उपभोक्ताओं तक सामान ले जाने वाली एक मजबूत सप्लाई चेन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। । यह बेहद खेदजनक है कि बहुराष्ट्रीय कंपनियां और कॉर्पोरेट रिटेलर अपने वितरक और खुदरा विक्रेताओं को दरकिनार कर रहे हैं जिन्होंने उनके उत्पादों में भारी निवेश किया है।

भरतिया और खंडेलवाल दोनों ने इन कंपनियों को कड़ी चेतावनी दी कि यदि वे ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ काम करने में अपनी अनैतिक व्यावसायिक प्रथाओं को नहीं रोकते हैं, तो कैट देश भर में व्यापारियों को उनके उत्पादों का बहिष्कार का आवाहन करेगा और भारत के प्रतिस्पर्धा आयोग में शिकायत तथा कानून की अदालत में भी जाने में कोई संकोच नहीं करेगा।

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Web Title-CAT threatens boycott of products of multinational and corporate retail companies
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