चंबा, शिव शर्मा। जैसे-जैसे हिमाचल में विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे है वैसे-वैसे उन राजनेताओं की धड़कने तेज होती जा रही है जोकि लोगों द्वारा चुने जाने के बाबजूद उनके काम करने या काम करवाने में सक्षम नहीं हो पाए थे। अब तो यह भी कयास लगाए जा रहे है कि उनका पत्ता भी कट सकता है। वहीं उनकी जगह किसी नए चेहरे को भी उतारा जा सकता है। चंबा जिले में हो रही राजनीति की सरसराहट और कानाफूसी से यह लगने लग पड़ा है कि होने वाले विधानसभा चुनावों में हिमाचल में अभी से ही अपना नेता चुन लिया है। वहीं दूसरी ओर भाजपा की केन्द्रीय हाईकमान ने ऐसी कोई घोषणा नही की है जिससे यह पता चल सके की हिमाचल में भारतीय जनता पार्टी की कमान किसको सौंपी जाये। इस चल रही कानाफूसी और
सूत्रों के हवाले से एक बात आम लोगों से सुनने में आ रही है कि उतर प्रदेश में जिस तरह से भाजपा हाईकमान ने अपना कोई नेता नही उतारा, मात्र भाजपा ने अपना भगुआ सिम्बल कमल के चिन्ह पर ही चुनाव लड़ते भारी जीत हासिल की। ठीक उसी तरह भाजपा हिमाचल में अपना परचम लहराने में कामयाब हो जाती है तो ऐसे में भाजपा हाईकमान हिमाचल में भी उत्तर प्रदेश की तरह बिना किसी नेता का नाम लिये चुनावी रण-मैदान में उतर सकती है।
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