यमुनानगर। अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती पदक विजेता और ओलंपियन योगेश्वर दत्त ने कहा कि माता-पिता की अहम जिम्मेदारी है कि वे अपने बच्चों को नशे से बचाने और उनके उज्जवल भविष्य के लिए खेलों की ओर प्रेरित करें। खेल न केवल युवाओं को स्वस्थ रखते हैं बल्कि समाज और देश का नाम भी रोशन करते हैं।
योगेश्वर दत्त शनिवार को जगाधरी के सरस्वती विद्या स्कूल में आयोजित 25-50 मीटर शूटिंग चैंपियनशिप के उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि खेलों के प्रति जागरूकता की शुरुआत घर से होती है। उन्होंने सरकार की खेल नीति की तारीफ करते हुए कहा कि 2016 के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेल नीति को बढ़ावा दिया, जिसके कारण देश के खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने "खेलो इंडिया" पहल को युवाओं के लिए एक बेहतरीन मंच बताते हुए कहा कि इसने खेलों को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि ओलंपिक, एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से देश का गौरव बढ़ाया है।
बजरंग पूनिया के डोप टेस्ट विवाद पर उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। वाडा और नाडा को निर्धारित समय सीमा में अपनी रिपोर्ट देना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अगर कोई खिलाड़ी इसमें चूक करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई उचित है।
योगेश्वर दत्त ने यमुनानगर में खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि बेहतर स्टेडियम और सुविधाएं युवाओं को ओलंपिक जैसे बड़े आयोजनों में भाग लेने के लिए तैयार करेंगी।
उन्होंने जोर देकर कहा कि खेलों के माध्यम से युवा नशे की लत से बच सकते हैं और समाज के लिए प्रेरणास्रोत बन सकते हैं। यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम युवाओं को अच्छे संस्कार दें और एक जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रेरित करें।
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