यमुनानगर। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रविवार को जगाधरी में गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें
प्रकाशोत्सव के समापन समारोह पर राज्य स्तरीय चढ़दी कला कार्यक्रम में कई
घोषणाएं की, जिनमें लौहगढ़ में बाबा बंदा सिंह बहादुर जी के नाम से राज्य
सरकार द्वारा एक बोर्ड या ट्रस्ट बनाया जाएगा ताकि इस क्षेत्र की ऐतिहासिक,
धार्मिक व सांस्कृतिक विरासत को संजो कर दुनिया को दिखाया जा सके और यह एक
पर्यटन केन्द्र के रूप में उभरें। कपाल मोचन से लौहगढ़ के रास्ते पर भव्य
मैमोरियल गेट बनाया जाएगा, बढ़ खालसा में यात्री निवास की स्थापना की
जाएगी, लाडवा से झीवरहेड़ी गुरूद्वारा साहिब तक की सडक को चौडा किया जाएगा
और इसका नाम गुरू तेग बहादुर के नाम से रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि आगामी
22 दिसंबर से 25 दिसंबर, 2017 के दौरान पटनासाहिब में आयोजित होने वाले
श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें प्रकाशोत्सव के समापन समारोह में
हरियाणा से दो विशेष रेलगाडिय़ां चलाई जाएंगी, जिनमें एक गाड़ी अंबाला और
दूसरी गाड़ी सिरसा से चलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में देश के
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल होंगें।
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मुख्यमंत्री
ने यह घोषणाएं जगाधरी में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें
प्रकाशोत्सव के समापन समारोह पर राज्य स्तरीय चढ़दी कला कार्यक्रम में की।
मुख्यमंत्री
ने कहा कि बढखालसा में खुशहाल सिंह दहिया ने अपना शीश देकर श्री तेग
बहादुर का शीश लेकर जा रहे भाई जैता को मुगल सेनाओं से सुरक्षा प्रदान की
थी। उन्होंने कहा कि भाई जैता सिंह के नाम से भी संग्रहालय बनाया जाए ताकि
वह आस्था का केन्द्र बनें। उन्होंने कहा कि असंध के कालेज का नाम श्री गुरु
गोबिंद सिंह जी के छोटे बेटे बाबा फतेहसिंह जी के नाम पर रखा गया है।
अंबाला में श्री गुरू गोबिंद सिंह पुस्तकालय का जीर्णोद्धार करने का कार्य
किया जा रहा है, इसके लिए 63 लाख रुपए का खर्च होगा। कैथल मार्ग पर चिराओ
मोड़ पर श्री गुरु नानक देव जी के नाम से एक प्रवेश द्वार का निर्माण
करवाया जा रहा है। इसी प्रकार, प्रदेश में पंजाबी भाषा को प्रसारित करने के
लिए पंजाबी के 397 पीजीटी, 392 टीजीटी अध्यापकों की सीधी भर्ती की जा रही
है और पदोन्नति की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में हैं। उन्होंने कहा कि लखनौर
साहिब में माता गुजरी के नाम से वीएलडीए कालेज स्थापित करने की स्वीकृति
प्रदान कर दी गई है। उन्होंने कहा कि पंजाब विश्वविद्यालय ने भी कहा कि वे
हरियाणा के कुछ कालेजों को मान्यता देकर जोडऩा चाहते हैं, जब पंजाब
विश्वविद्यालय के साथ इस क्षेत्र के कालेज जुड़ेंगे तो बच्चों का विकास
होगा।
उन्होंने कहा कि श्री गुरु गोबिंद
सिंह जी के 350वें प्रकाश पर्व पर राज्य के भिन्न-भिन्न स्कूलों और कालेजों
में सेमिनार आयोजित किए गए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने लोगों की
आस्था को देखते हुए श्री हजुर साहिब गुरूद्वारा, श्री ननकाना साहिब, श्री
हेमकुण्ड साहिब ओर श्री पटना साहिब जाने वाले प्रदेश के तीर्थ यात्रियों के
लिए भी वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने के उदेश्य से गुरु दर्शन यात्रा
योजना शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि सिंधू दर्शन एवं कैलाश मानसरोवर के
तीर्थ यात्रियों को आर्थिक सहायता प्रदान करने की एक योजना प्रारंभ की है।
उन्होंने
उपस्थित साध-संगत से अपील व आह्वान करते हुए कहा कि आजादी से पहले के
इतिहास और आजादी के बाद के इतिहास में बदलाव हुआ है और इसलिए आज हमें देश
के लिए मरने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि पहले कहा जाता था कि देश की
रक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान देना है, परंतु अब आज के युग में देश की
सीमाओं पर हमारे सैनिक तैनात है जो देश की रक्षा करते हैं, इसलिए हम जो देश
के अंदर रहते हैं, को मरना नहीं बल्कि जीना सीखना है और हमें देश, पंथ के
लिए जीना है ताकि जरूरतमंद लोगों की मदद की जाए। उन्होंने कहा कि आज हमें
भूखे को लिए रोटी, कपडे और मकान की सुविधा उपलब्ध करवाकर सेवा करनी चाहिए।
उन्होंने उपस्थित साध-संगत से आहवान करते हुए कहा कि हमें इस काम में जुटे
रहना चाहिए ताकि देश व प्रदेश की प्रगति भी हो।
मुख्यमंत्री
ने साध-संगत से बोले सो निहाल के तहत सीधा संवाद स्थापित करते हुए कहा कि
आज बड़े ही खुशी और उत्साह का मौका है दशमेश गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी
को याद किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 12 फरवरी, 2017 को करनाल में श्री
गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें प्रकाशोत्सव के समारोह की शुरूआत की गई थी
और आज 12 नवंबर, 2017 को इसका समापन किया जा रहा है। उन्होंने उपस्थित
लोगों के साथ संवाद स्थापित करते हुए कहा कि आज यहां इस कार्यक्रम में पहले
एक वक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हैं, इस पर
उन्होंने कहा कि मैंं जब कभी भी यहां यमुनानगर में आया हूं तो होस्ट के
नाते से ही आया हूं, इसलिए मुझे भी होस्ट ही समझा जाए।
मुख्यमंत्री
ने करनाल में आयोजित किए गए श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें
प्रकाशोत्सव समारोह के बारे में बात करते हुए कहा कि इससे पहले असंध से
विधायक सरदार बख्शीश सिंह विर्क ने साध-संगत के सामने कहीं गई बातें रखीं,
जिन्हें पूरा करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि समाज और जनता की भलाई के
लिए किए जाने वाले कार्यों को पूरा करने के लिए वे व उनके नेतृत्व में
हरियाणा सरकार हर संभव कोशिश करेगी।
गुरु गोबिंद सिंह के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि
हालांकि मुझसे पहले के वक्ताओं ने श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के बारे में
काफी बातें की है परंतु उनका कहना है कि हम जब कभी भी उनके बलिदान के बारे
में सुनते हैं और विचार करते हैं तो रोंगटें खड़े हो जाते हैं, क्योंकि
श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने पिता और पुत्रों दोनों का ही बलिदान दिया
था और स्वयं तिल-तिल करके समाज की सेवा की थी। उन्होंने कहा कि श्री गुरू
गोबिंद सिंह जी ने अकाल तख्त की स्थापना की थी। उन्होंने उपस्थित साध-संगत
अर्थात लोगों से कहा कि उनकी लिखी वाणी को हमें अपने जीवन में उतारना है और
देश व समाज की सेवा करनी है। मुख्यमंत्री
ने श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के अंबाला जिले के लखनौर में स्थित ननिहाल का
जिक्र करते हुए कहा कि लखनौर साहिब में उनका बचपन बीता था। उन्होंने कहा
कि सिरोपा की परंपरा भी श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने ही शुरू की थी, जोकि
कपालमोचन से शुरू की गई थी। उन्होंने कहा कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने
सिरोपा भेंट कर अपने सैनिकों को सम्मानित करने का काम किया था।
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