गोहाना रोड। जिला पार्षदों और ब्लॉक समिति सदस्यों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर भूख हड़ताल शुरू कर दी है। इन नेताओं का आरोप है कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने उन्हें अधिकार देने का वादा किया था, लेकिन वह अब तक पूरा नहीं हुआ है। जिला परिषद और ब्लॉक समितियों को उनके अधिकार दिए जाएं, यही उनकी मुख्य मांग है।
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भूख हड़ताल पर बैठे जिला पार्षदों ने मुख्यमंत्री से मिलने और आश्वासन प्राप्त करने के बाद भी अपनी मांगों की पूर्ति में असफलता का सामना किया। इसी असंतोष के कारण, आज जिला पार्षद संजय बड़वासनी ने मुख्यमंत्री को अपना खून से पत्र लिखकर उनकी मांगों की शीघ्र पूर्ति की मांग की।
संजय बड़वासनी ने कहा कि जब वे और उनके साथी मुख्यमंत्री से मिले थे, तो उन्हें आश्वासन दिया गया था कि उनकी सभी मांगें पूरी की जाएंगी, लेकिन अब तक कुछ भी कार्यवाही नहीं हुई है। उनकी प्रमुख मांग यह है कि गांवों में विकास के लिए सांसद और विधायक की तरह एक निश्चित कोटा दिया जाए। इसके साथ ही, हर जिला पार्षद को ग्रांट के अलावा एक करोड़ रुपये और ब्लॉक समिति सदस्य को 50 लाख रुपये की वार्षिक सहायता दी जाए ताकि वे विकास कार्यों को प्रभावी रूप से करवा सकें।
उन्होंने यह भी कहा कि डीपीसी (डिस्टिक पंचायती समिति) का पुनः गठन किया जाए और मध्यप्रदेश, राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश की तर्ज पर पंचायती राज को मजबूत किया जाए। यदि सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना, तो उन्हें पूरी तरह से खत्म करने की चेतावनी भी दी।
पार्षदों का कहना है कि यदि उनकी मांगों को शीघ्र पूरा नहीं किया गया, तो वे अपनी भूख हड़ताल को और तेज करेंगे। उनका यह आंदोलन मुख्यमंत्री के वादों को याद दिलाने और उनका पालन करवाने के लिए किया जा रहा है।
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