सिरसा। बाबा गुरमीत राम रहीम सिंह के खिलाफ सीबीआई की जांच एक गुमनाम पत्र से शुरू हुई थी। बाबा का सारा जीवन विवादित रहा है। पन्द्रह साल तक चले इस मामले में पंचकूला की विशेष सीबीआई कोर्ट में साध्वी यौन शोषण
मामले में 25 अगस्त को फैसला आना है। इस मामले में कोर्ट ने डेरा सच्चा
सौदा के मुखी गुरमीत राम रहीम को पेश होने के लिए कहा है। अनेक उलझनों व
रुकावटों को पार करते हुए अब 15 साल बाद 25 अगस्त को फैसले की घड़ी आई है।
इस मामले पर बवाल एक गुमनाम चिट्ठी से शुरु हुआ था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
क्या लिखा था चिट्ठी में...चिट्ठी तात्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम लिखी गई थी। इसके साथ-साथ इसकी एक प्रति पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को भेजी गई थी।
चिट्ठी में किसी का नाम नहीं था सिर्फ आरोप लगाए गए थे कि पीड़िता पंजाब
की रहने वाली है और सिरसा के डेरा सच्चा सौदा में 5 साल से एक साध्वी के
रूप में रह रही है। उसमें आरोप लगाया गया था कि साध्वियों का शोषण किया जा रहा है। चिट्ठी
में गंभीर आरोप लगाते हुए आप बीती भी बताई गई थी, जिसमें डेरामुखी गुरमीत
राम रहीम पर यौन शोषण के आरोप लगे थे।
चिट्ठी में दो जगह की साध्वी का भी जिक्र था जिनके साथ प्रताड़ना होने की
बात कही गई थी। कुरुक्षेत्र के एक सेवादार के बारे में यह लिखा था कि इस
प्रताड़ना के बाद पूरे परिवार ने डेरे से नाता तोड़ लिया है।
चिट्ठी में गुहार लगाते हुए सहायता की मांग की गई थी और कहा गया था कि
मैं अपना नाम पता लिखूंगी तो मुझे मार दिया जाएगा। इसकी किसी एजेंसी के
माध्यम से जांच करवाई जाए। हमारा डॉक्टरी मुआयना करवाना चाहिए, ताकि
अभिभावकों को पता चले यहां क्या चल रहा है।
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