रोहतक। हरियाणा सरकार और रोडवेज कर्मचारियों के बीच संघर्ष शायद ही कभी खत्म होगा। आए दिन कभी निजीकरण तो कभी नई परिवहन नीति को लेकर रोडवेज कर्मचारी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले रहते हैं। पिछले महीने दोनों पक्षों के बीच समझौते के बावजूद रोडवेज कर्मचारी एक बार फिर से आंदोलन के मूड में नजर आ रहे हैं। रोडवेज कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार समझौते से पीछे हट रही है और काफी संख्या में परमिट धारक नए रूटों पर बसों का चलना शुरू हो गया है जो कि नाजायज है और इसके विरोध में 18 जून को परिवहन मंत्री के कार्यालय का घेराव किया जाएगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
रोहतक में शनिवार को रोडवेज कर्मचारी यूनियन की प्रदेश कार्यकारिणी की मीटिंग हुई और मीटिंग में सरकार के साथ हुए समझौतों की समीक्षा की गई। रोडवेज कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि सरकार से नई परिवहन नीति को लेकर समझौता हो चुका है, जिसके तहत कोई भी नया परमिट जारी नहीं किया जाएगा और न ही पुराने परमिटों के रूटों में बदलाव किया जाएगा। लेकिन पिछले कई दिनों से काफी संख्या में प्राइवेट परमिट धारकों ने नए रूटों पर बसें चलाना शुरू कर दिया है। सरकार की शह पर निजी बस संचालक ऐसा कर रहे हैं, इसका विरोध किया जाएगा और जहां भी इस तरह से रूट बदले जाएंगे, वहीं पर चक्का जाम किया जाएगा।
रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र धनखड ने कहा कि मीटिंग में तय किया गया है कि आगामी 18 जून को परिवहन मंत्री कार्यालय का घेराव किया जाएगा और बाद में 9 जुलाई को सीएम कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। इस दौरान अगर किसी डिपो पर कोई निजी परमिट धारक पुराने रूट को बदलकर नए रूट पर बस चलाएगा तो उस डिपो को बंद कर दिया जाएगा और उसके लिए पूरी तरह से सरकार जिम्मेदार होगी।
सुशील मोदी ने लालू परिवार से पूछे 5 सवाल, 'कहां से आए 141 भूखंड, 30 से ज्यादा फ्लैट'
युवा कांग्रेस ने भारत जोड़ो अभियान का आगाज किया
पेट्रोल के उत्पाद शुल्क में आठ रुपये और डीजल में छह रुपये प्रति लीटर की कटौती
Daily Horoscope