रोहतक । मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा, ‘‘राज्य सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में मामले की अच्छे ढंग से पैरवी की, लेकिन अदालत ने नीतियों की कमियों को देखते हुए उन्हें रद्द कर दिया। हम नहीं चाहते कि भर्तियां रद्द हों। अदालत के निर्णय से प्रभावित लोगों से भी कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय में जाकर इसका जो भी निवारण होता है, करेंगे। अपनी तरफ से कोशिश करेंगे कि नियुक्तियां बची रहें।’’ ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुख्यमंत्री आज रोहतक में एक पत्रकार सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हरियाणा में 24,000 से अधिक भर्तियां बिल्कुल साफ-सुथरी भर्तियां हुई हैं, लेकिन कुछ पुराने गिरोह बने हुए थे, जिनमें से 8 लोगों को पकड़ा गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। यह गिरोह ऐसे भोले-भाले लोगों, जिनकी स्वाभाविक रूप से भर्ती होने जा रही होती है, को ठगते थे। क्योंकि साक्षात्कार के लिए दोगुणा उम्मीदवारों को बुलाया जाता है। यह तय होता है कि इनमें से आधे लोगों की नौकरी लगना निश्चित है। ये ऐसे लोगों के पास जाकर उन्हें फंसाते थे, उनसे पैसे एंठते थे। सरकार ने इस गिरोह के सदस्यों को पकडक़र पर्दाफाश कर दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निश्चित रूप से इस तरह की किसी भी चीज को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो पुरानी धारणा बनी हुई थी, हमने उसे समाप्त कर दिया है।
प्रदेश में की जा रही भर्तियों के सम्बन्ध में उन्होंने कहा कि लोग सरकार की कार्य प्रणाली से संतुष्ट हैं। प्रदेश में 24,500 पदों पर उम्मीदवार ज्वाइन कर चुके हैं, जिनकी भर्ती में किसी को कोई कठिनाई नहीं हुई। अभी 13,000 पद ऐसे हैं जिनका अदालत में अभी स्टे है। कुछ प्रक्रियाधीन हैं। कुल मिलाकर 54,000 पदों की मांग है। इसके अतिरिक्त, 38,000 पद ऐसे हैं, जिनकी मांग आ रही है, उन्हें भरने के लिए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को भेजा जाएगा। इस प्रकार हमारे अगले एजेंडा में यह प्रयास है कि एक लाख लोगों को सरकारी भर्तियों में स्थान मिले।
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