रोहतक।
गायों के संरक्षण और गोचर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए संत ने
एक एेसा कदम उठा दिया जिसे सुन कर हर कोई उनके समर्थन में आ गया। ये और कोई
नहीं मानसरोवर पार्क में अनशन पर बैठे संत गोपालदास है। अपने मुद्दे के
प्रति गंभीरता दिखाने और आम जन को इस आंदोलन से जोड़ने के लिए संत पिछले कई
दिनों से कोई न कोई एेसा काम कर देते है जिससे जनमानस उनसे जुड़ता दिख रहा
है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एेसा ही एक और काम संत गोपालदास ने कर दिया। अपने खून से
धर्म अखाड़ों और मठों के शंकराचार्यों को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने
धर्म अखाड़ों के महंत और शंकराचार्यों से आंदोलन में सहयोग करने की अपील
की। संत ने सरकार पर संवदेनहीन होने का आरोप भी लगाया।मंगलवार
को संत गोपाल दास ने अपने खून से देश सभी 16 धर्म अखाड़ों और चारों
शंकराचार्यों के नाम पत्र लिखा। संत ने कहा कि इस पत्र के जरिए देश में गाय
पर हो रहे अत्याचार और गो वध पर चुप्पी तोड़कर धर्म की रक्षा करने की अपील
की गई है। उन्होंने कहा कि अनशन पर बैठे 33 दिन हो गए हैं, लेकिन सरकार
कुंभकर्णी नींद सो रही है। न ही गोचरान की भूमि को मुक्त किया जा रहा है और
न ही गोचरान विकास बोर्ड के गठन को सरकार आगे आ रही है। हालांकि सरकार के
सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर इन सभी मांगों पर मौखिक आश्वासन दे चुके हैं,
लेकिन मांग के अनुसार सरकार लिखित आश्वासन देने से बच रही है।उन्होंने
कहा कि सरकार की मंशा ठीक नहीं है। अगर सरकार की मंशा ठीक होती तो अब तक
सभी मांग लिखित रूप में पूरी कर दी जाती। दूसरी ओर संत को समर्थन देने के
लिए मध्यप्रदेश से ओमानंद, देवधर्म व भगवान परशुराम संघ प्रदेश अध्यक्ष
सियाराम शास्त्री, प्रदेश सचिव तेलूराम कौशिक, रामनिवास अत्री, भारतीय
किसान यूनियन महिला विंग की राष्ट्रीय अध्यक्ष सरोजनी चौधरी, जयहिंद मंच
दिल्ली से कालीरमन मंगलवार को मानसरोवर पार्क में पहुंचे।
बिहार महागठबंधन में सीट बंटवारे पर सहमति बनी: RJD 26 ,कांग्रेस 9 सीटों पर चुनाव लड़ेगी
'बहुत सकून मिला है', अंसारी की मौत के बाद पीड़िता का बयान
बिल गेट्स ने लिया मोदी का इंटरव्यू: PM बोले-भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में डीपफेक एक बड़ी चिंता
Daily Horoscope