रोहतक।
सौतेले पिता के दुष्कर्म से गर्भवती हुई 10 साल की बच्ची को पीजीआई से
छुट्टी मिल गई है। कोर्ट के आदेश पर बच्ची का गर्भपात किया गया था। उसके
बाद तबियत की निगरानी के लिए यहां रखा हुआ था। चाइल्ड वेलफेयर कमेटी ने
बच्ची को उसकी मां को नहीं सौंपने का फैसला किया है। बच्ची को बहादुरगढ़
में चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट में भेजा गया है। कमेटी ही उसकी देखरेख करेगी।
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दरअसल मां को बच्ची के हित की बजाय पति को छुड़वाने में ज्यादा रूचि
है। रेप के बाद यह बच्ची प्रेगनेंट हो गई थी। इसके बाद 19 मई को पीजीआई में
मेडिकल बोर्ड की देखरेख बच्ची का अबॉर्शन हुआ था।
रेप से
प्रेगनेंट होने और फिर पीजीआई में इलाज के लिए दाखिल होने के बाद से बच्ची
की देखरेख चाइल्ड वेलफेयर कमेटी रोहतक कर रही है। इस दौरान कमेटी के
चेयरमैन डा. राज सिंह सांगवान व अन्य सदस्य कई बार पीजीआई पहुंचे। पीडि़त
बच्ची और उसकी मां से कई बार घंटों तक बातचीत की। कमेटी को यह बात साफ तौर
पर महसूस हुई कि मां, बच्ची का हित नहीं चाहती, बल्कि उसका उद्देश्य सिर्फ
पति को जेल से छुड़वाना है। बच्ची की मां के बयानों पर भी कमेटी को भरोसा
नहीं हुआ। ऐसे में तय हुआ कि पीजीआई से छुट्टी के बाद बच्ची के भविष्य के
बारे में किया जाएगा। पीडि़त बच्ची को पीजीआई से छुट्टी दे दी गई। फिलहाल
वह स्वस्थ है। इसके बाद पुलिस टीम बच्ची को लेकर चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के
सामने पहुंची। जिसके बाद कमेटी ने तय किया कि बच्ची को मां को नहीं साैंपा
जाएगा। इसके बाद उसे बहादुरगढ़ स्थित चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट में भेज
दिया गया। कमेटी के चेयरमैन डा. राज सिंह सांगवान ने कहा कि बच्ची का
भविष्य मां के हाथों में सुरक्षित नजर नहीं आता। डा. सांगवान ने कहा कि
बच्ची की मां के बयानों पर भी कमेटी को भरोसा नहीं था। उधर, मां ने बच्ची
को बहादुरगढ़ स्थित चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट भेजने का विरोध किया। मां ने
बच्ची को अपने साथ ही रखने की इच्छा जाहिर की।
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