रोहतक। भारतीय शूटिंग टीम के मुख्य कोच मनोज ओहल्याण का आज पेरिस से रोहतक पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। पेरिस ओलम्पिक में भारतीय टीम ने 3 मेडल जीतकर देश को गौरवान्वित किया है। इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए मनोज ने कहा इस बार भारतीय शूटरों की तैयारी काफी अच्छी थी लिहाजा उन्हें उम्मीद थी कि पेरिस ओलम्पिक में भारतीय शूटर इस बार कम से कम 6 मेडल अवश्य जीतेंगे मगर उन्हें तीन ही मेडल आये क्योंकि कई अन्य मुकाबलों में भारतीय शूटर बहुत थोड़े अंतर से अपना मैच हो गये। उन्होंने कहा कि अगर इन शूटरों की किस्मत साथ देती है तो मेडल सारणी में भारत के कम से कम 6 मेडल अवश्य होती।उन्होंने बताया कि पिछले दो ओलंपिक गेम्स में भारत को शूटिंग में कोई मेडल न मिलने के कारण इस बार शूटरों पर अच्छा प्रदर्शन करने की पूरी जिम्मेदारी थी और उन्होंने इस जिम्मेवारी को बखूबी निभाते हुए न केवल शानदार प्रदर्शन किया, बल्कि 3 पदक भी जीतने में कामयाबी हासिल की।
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यहां बता दें कि मनोज ओहल्याण भीम अवार्डी और इंटरनेशनल शूटर रहे हैं। उन्होंने अपनी शूटिंग करियर में अनेक इंटरनेशनल मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन किया है। वे एक दशक से भी अधिक समय से बतौर कोच भारतीय शूटिंग टीम से जुड़े हुए हैं और ये बहुत कम लोग जानते हैं कि पेरिस ओलम्पिक में इतिहास रचने वाले भारतीय शूटर स्वपनिल कुशाले भी मनोज ओहल्याण के शिष्य रहे हैं।मनोज ने बताया कि मेहनत, लगन, संयम और अनुशासन स्वपनिल की सफलता की कूंजी है लिहाजा उन्होंने अपने पहले ही ओलम्पिक में वो कारनामा कर दिखाया जो आजतक कोई भी भारतीय शूटर नहीं कर पाया।
स्वपनिल ने जूनियर स्तर पर ही शूटिंग खेलना शुरू कर दिया था। दिल्ली की करणी सिंह शूटिंग रेंज पर कोच मनोज ने न केवल उन्हें शूटिंग के तकनीकी गुर सिखाये, बल्कि बड़े टूर्नोमेंट में दबाव को कैसे हैंडल करना यह भी सिखाया। शूटिंग के लिए हरियाणा में उपलब्ध कम सुविधाओं बारे पूछे गये एक सवाल के जवाब में मनोज ने कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार व शूटिंग एसोसिएशन से जब कभी भी किसी भी तरह की सुविधा की मांग की तो सरकार द्वारा खिलाड़ियों को वे सभी सुविधाएं मुहैया करवाई गई।
पेरिस ओलम्पिक में तीन मेडल जीतने के बाद निश्चित तौर पर शूटिंग को भारत में और भी बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय स्तर पर भी शूटिंग के लिए सुविधाएं प्रदान की जायेगी। म्नोज ने कहा कि पेरिस ओलम्पिक में जाने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी खिलाड़ियों को बुलाया था और उन्होंने सभी वे व्यक्तिगत तौर पर बातचीत कर उनकी हौंसला अफजाई की जिससे सभी खिलाड़ियों व उनके साथ जाने वाले कोच व आफिशियल के मनोबल में काफी बढ़ौतरी हुई।
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