रोहतक। देश में तंबाकू के
कारण जहां 40 फीसदी लोगों को कैंसर हो रहा है, वहीं हरियाणा में होने वाले
कैंसर के कुल केसों में 50 प्रतिशत मामलों के लिए तंबाकू अथवा धूम्रपान
जिम्मेदार है। विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर मंगलवार को पीजीआई रोहतक में सेमिनार हुआ। इस सेमिनार में विशेषज्ञों ने तंबाकू से होने वाले प्रभावों पर विस्तार से चर्चा की। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
दुनियाभर में तम्बाकू सेवन का बढ़ता चलन स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदेह साबित हो रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने भी इस पर चिंता जाहिर की है। तम्बाकू से संबंधित बीमारियों की वजह से हर साल करीब 5 मिलियन लोगों की मौत हो रही है। जिनमें लगभग 1.5 मिलियन महिलाएं शामिल हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनिया के 125 देशों में तम्बाकू का उत्पादन होता है। दुनियाभर में हर साल 5.5 खरब सिगरेट का उत्पादन होता है और एक अरब से ज्यादा लोग इसका सेवन करते हैं। भारत में 10 अरब सिगरेट का उत्पादन होता है। भारत में 72 करोड़ 50 लाख किलो तम्बाकू की पैदावार होती है। भारत तम्बाकू निर्यात के मामले में ब्राजील, चीन, अमरीका, मलावी और इटली के बाद छठे स्थान पर है। विश्व तंबाकू निषेध दिवस, आम जन को धूम्रपान के विनाशकारी प्रभावों से अधिक जागरुक बनाकर समाज के लोगों को धूम्रपान के सेवन से बचाने की दिशा में महत्त्वपूर्ण अवसर है।
सेमिनार में कैंसर रोग विशेषज्ञ डा. पीयूष बाजपेयी व डा. गौरव दीक्षित ने यह जानकारी दी कि लोगों को अगर सिगरेट पीने की आदत से छोडने के लिए प्रेरित नहीं किया गया तो 2020 तक एक साल में 15 लाख तक लोगों की मौत होने की आशंका है। उन्होंने कहा कि भारत में कैंसर के मामलों में काफी वृद्धि हुई है। देश में हर साल कैंसर के दस लाख नए रोगियों की पहचान की जाती है और छह से सात लाख लोगों की मौत हो जाती है। कैंसर के कारण होने वाली दो-तिहाई से अधिक मौत 30 से 60 आयु वर्ग के लोगों की होती है।
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