रोहतक/चंडीगढ़। हरियाणा कृषि, पशुपालन डेयरी तथा बागवानी क्षेत्र में उत्तर प्रदेश व राजस्थान राज्यों में अपनाई जा रही बेहतरीन प्रक्रियाओं को अध्ययन करने के लिए इन राज्यों का दौरा करने के लिए अधिकारियों की एक अध्ययन टीम भेजेगा और दोनों राज्यों के अधिकारियों की टीम हरियाणा का दौरा करेगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
यह निर्णय रोहतक में चल रहे तृतीय कृषि नेतृत्व शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ की अध्यक्षता में राजस्थान के कृषि मंत्री प्रभु लाल सैनी तथा उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रकाश साही के साथ गोल मेज चर्चा के द्वारा लिया गया।
राजस्थान के कृषि मंत्री प्रभु लाल सैनी अवगत करवाया कि राजस्थान में युवाओं को सहकारिता के माध्यम से स्वरोजगार आरम्भ करने के लिए 20 लाख रुपए की सब्सिडी व मसाले का व्यापार करने के लिए 15 लाख रुपए की सब्सिडी दी जाती है। उन्होंने इस बात की जानकारी दी कि राजस्थान में कुछ मसालों की किस्म विश्व में अनूठी है और अभी हाल ही में छह कृषि विश्वविद्यालयों से अध्ययन करवाया गया है कि जिन्होंने सिफारिश की है कि भौतिकी जियाजिंद खेती से राजस्थान में कैंसर की दवा तैयार की जा सकती है। इसी प्रकार, राजस्थान की मछली पूर्ण रूप से जैविक है और मुर्गीपालन में जापानी बटैर तीन महीने तक एक विशेष प्रकार का अण्डा देती है। राजस्थान व उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्रियों ने ओम प्रकाश धनखड़ का आभार जताया। जिन्होंने ऐसे भव्य समारोह का आयोजन किया है, जिसमें उन्हें शामिल होने का अवसर मिला है।
चर्चा में हरियाणा के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री करण देव कम्बोज, हैफेड के चेयरमैन व विधायक हरविंद्र कल्याण, विधायक श्याम सिंह राणा, डॉ. पवन सैनी, महिपाल ढांढा, जसबीर देशवाल, हरियाणा किसान आयोग के अध्यक्ष डॉ. रमेश यादव, गौसेवा आयोग के अध्यक्ष भानीराम मंगला, पशुधन विकास बोर्ड के चेयरमैन ऋषिराज शर्मा भी उपस्थित थे।
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