रोहतक/चंडीगढ़। हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि हमारा लक्ष्य करीब 90 लाख एकड़ खेत वाले राज्य में हर किसान की आमदनी एक लाख रुपए प्रति एकड़ हो। धनखड़ ने कहा कि परंपरागत खेती से अन्न के कटोरे की उपाधि वाले हरियाणा को अब हम फल-फूल की टोकरी बनाएंगे। उन्होंने यह बात रोहतक में चल रहे तृतीय कृषि नेतृत्व शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन रविवार को राज्यभर से आए किसानों को संबोधित करते हुए कही। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हरियाणा केंद्रीय पूल में 13 करोड़ क्विंटल अनाज का योगदान देता है। साथ ही 70 लाख टन फल-फूल व सब्जी का उत्पादन करता है। वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लक्ष्य को पाने के लिए हम चार बातों को लेकर चले हैं। जिनमें किसान को जोखिम मुक्त बनाना सबसे पहला काम है। उन्होंने कहा कि क्लाइमेट चेंज की मार से किसान को बचाने के लिए प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई के लिए 12 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा का प्रावधान किया गया। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को हरियाणा में सफलता से लागू किया गया। हरियाणा के किसानों के खाते में पिछले तीन वर्षोँ के दौरान 3043 करोड़ रुपए की धनराशि मुआवजा के तौर पर दी गई है।
हरियाणा के कृषि मंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह का भी राज्य में सरसों की खरीद 15 मार्च से कराने के लिए आभार जताया। हरियाणा की ओर से सरसों की खरीद को लेकर लिखे गए पत्र पर केंद्रीय मंत्री ने तुरंत सकारात्मक जवाब दिया। बाजार के जोखिम से किसान को बचाने के लिए भावांतर भरपाई योजना की महत्वपूर्ण पहल भी हरियाणा में की गई। क्लाइमेंट व बाजार के जोखिम के साथ-साथ इनपुट के मामले में भी किसान को आज सुरक्षा की जरूरत है। उन्होंने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह से नकली बीज व पेस्टिसाइड से होने वाले किसानों को नुकसान को रोकने में नए बीज अधिनियम को लाने के लिए सहयोग का अनुरोध किया।
धनखड़ ने पैरी अर्बन फार्मिंग खेती को किसान की आमदनी बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इससे हम हरियाणा को फल-फूल-सब्जी की टोकरी में बदल सकेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हरियाणा को होर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी की सौगात दी। राज्य में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए गए। करीब 510 करोड़ रुपए की बागवानी गांव व क्रॉप कलस्टर सेंटर स्थापित करने की योजना को क्रियान्वित किया गया। उन्होंने बताया कि राज्य में पशुधन को प्रोत्साहन व दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए गाय-भैंस के पीजी खोलने, मछली पालन, फल-फूल-सब्जी उत्पादन के लिए किसानों को प्रोत्साहन देने की योजनाएं बनाई गई हैं। जिस तरह गन्ना और सूरजमुखी उगाने वाले किसान की आमदनी प्रति एकड़ एक लाख होती है उनका लक्ष्य है कि आने वाले समय में राज्य के हर किसान की आमदनी बढ़े।
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