रोहतक। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक बार फिर एलिवेटेड रेलवे लाइन की वजह से जनता को हो रही दिक्कतों का मुद्दा उठाया है। उनका कहना है कि मौजूदा सरकार ने एक व्यवस्थित शहर को अव्यवस्थित करने का काम किया। शहर के बीचोंबीच से निकाले गए पुल के लिए जिन लोगों की दुकान और मकान की जगह अधिग्रहित की गई उन्हें ना उचित मुआवजा दिया गया और ना ही उनके पुनर्स्थापन की उचित व्यवस्था की गई। स्थिति यह है कि पूरे इलाके में साफ-सफाई तक नहीं की गई। बदहाली और बदबू की वजह से लोगों का जीना मुहाल हो गया है।
हुड्डा ने बताया कि सरकार ने लोगों को जो मुआवजा दिया है उसमें भी भेदभाव किया गया। कुछ लोगों को कम तो कुछ लोगों को ज्यादा रकम दी गई। इतना ही नहीं दूसरी जगह पर विस्थापन की जो व्यवस्था की गई, वहां दुकानदारों से डबल रेट लिया जा रहा है। जबकि यह पहले के बराबर होना चाहिए। लोगों को पुल के साथ रोड बनाने के लिए फिर से अधिग्रहण के नोटिस भेजे जा रहे हैं। इसकी वजह से लोगों में बेहद रोष है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कांग्रेस सरकार बनने पर मुआवजे की नीति को रिव्यू किया जाएगा लोगों को उचित मुआवजा देने के साथ उनके उचित पुनर्स्थापन की व्यवस्था की जाएगी।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वह बाकायदा मौके पर जाकर लोगों से मिले हैं। उन्होंने अपनी परेशानी उनके साथ सांझा की है। इसलिए वह पुरजोर तरीके से सरकार से एलिवेटेड पुल की वजह से प्रभावित लोगों की मांगें मानने की अपील करते हैं।
इस मौके पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने नगर निगम में हुए सफाई घोटाले का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि 5 साल तक हर महीने 5 करोड़ 40 लाख रुपए में सफाई का टेंडर दिया गया। अब मात्र 1 करोड़ 10 लाख रुपए में टेंडर दे दिया गया। इससे स्पष्ट है कि पूरे मामले में या तो बहुत बड़ा घोटाला हुआ है या फिर अब सरकार सफाई व्यवस्था को लेकर गंभीर नहीं है। पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। रोहतक को बदहाल करने के लिए सरकार योजनाबद्ध तरीके से काम कर रही है। आज जगह-जगह पर अवैध कालोनियां बस रही हैं, जिनमें सीवरेज, पानी से लेकर रास्ते तक की व्यवस्था नहीं है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी गंभीर चिंता जाहिर की कि गठबंधन सरकार रोजमर्रा की जरूरतों के साथ शिक्षा को भी महंगी कर रही है। सरकार ने यूनिवर्सिटीज को फंड देने से स्पष्ट इनकार कर दिया है। इसकी वजह से यूनिवर्सिटीज ने अपनी फीस में बढ़ोतरी करनी शुरू कर दी है। चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय द्वारा डेढ़ गुणा फीस बढाए जाने के बाद अब अब जीजेयू (हिसार) ने भी अपनी फीस में 10-20 प्रतिशत तक बढ़ोत्तरी कर दी है।
ऐसा लगता है कि सरकार पूरी सरकारी शिक्षा तंत्र को निजी हाथों में सौंपने का मन बना चुकी है। अब तक 5000 हजार स्कूलों को बंद करने के बाद अब सरकार ने और भी स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया है। क्योंकि बीजेपी-जेजेपी चाहती है कि गरीब, किसान, दलित और पिछड़े समाज के बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाएं। उच्चतर शिक्षा की प्राइवेट फीस भरने में मध्यम वर्गीय परिवार भी सक्षम नहीं है।
हुड्डा ने कहा कि मौजूदा सरकार ने प्रदेश को 4 लाख करोड़ से ज्यादा कर्ज में डुबो दिया। जबकि साढ़े 8 साल में सरकार ने ना हरियाणा में कोई पावर प्लांट लगाया, ना मेडिकल कॉलेज बनाया, ना कोई यूनिवर्सिटी, ना रेलवे लाइन, ना मेट्रो, ना कोई IMT, ना कोई बड़ी परियोजना स्थापित हुई। जबकि कांग्रेस कार्यकाल के दौरान प्रदेश में चहुमुखी विकास हुआ।
कांग्रेस सरकार के दौरान पंचकूला में नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, यमुनानगर में दीनबंधु छोटूराम थर्मल प्लांट, कुरुक्षेत्र में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, करनाल में कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज, सोनीपत में भगत फूल सिंह यूनिवर्सिटी फॉर विमेन, मेडिकल कॉलेज, IIT एक्सटेंशन सेंटर, IIIT, राजीव गांधी एजुकेशन सिटी, रोहतक में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, झज्जर में ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट, जींद में चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी, महिला कॉलेज, स्टेडियम, भिवानी में चौधरी बंसीलाल यूनिवर्सिटी, सिरसा में चौधरी देवी लाल के नाम पर बने 2 कमरे को पूरी तरह यूनिवर्सिटी बनाया, फतेहाबाद में न्यूक्लियर पावर प्लांट स्थापित किया।
इसी तरह हिसार में लाला लाजपत राय यूनिवर्सिटी, महेंद्रगढ़ में सेंट्रल यूनिवर्सिटी, फरीदाबाद में मेडिकल कॉलेज स्थापित हुए। दिल्ली से गुरुग्राम तक, दिल्ली से बल्लभगढ़ तक, दिल्ली से फरीदाबाद तक और फरीदाबाद से बल्लभगढ़ तक मेट्रो लाइन आई। साथ ही फरीदाबाद, खरखौदा और रोहतक में IMT बनाई गई। लेकिन मौजूदा सरकार के दौरान इस दर्जे का एक भी कार्य पूरे प्रदेश में नहीं हुआ।
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