चंडीगढ़। ‘‘इसा मेला तो कितै भी ना देखा, जित घुमाई की घुमाई और पढ़ाई की
पढ़ाई।’’ यह कहना था गांव ददलाना से तृतीय कृषि नेतृत्व शिखर मेला देखने
आई रीना का। रीना ने बताया कि उसके साथ आई महिलाएं भी यह मेला देखकर काफी
प्रसन्न हैं।हरियाणा
सरकार द्वारा कृषि उद्यमी कृषक विकास चैंबर के सहयोग से रोहतक में आयोजित
किए गए तीन दिवसीय किसान मेला में जनसमुदाय का रेला आज अंतिम दिन भी थमने
का नाम नहीं ले रहा था। हर किसी के जुबान पर एक ही बात थी कि काश यह मेला
एक-दो दिन और चलता तो यहां से और ज्ञानवर्धक जानकारी लेकर जाते। नौलथा से
आए किसान दिलबाग सिंह ने बताया कि पशु पालन, सूक्ष्म सिंचाई, फल, बागवानी,
मिट्टी जांच सहित सभी तरह की जानकारी एक ही स्थान पर मिलना इस मेले की सबसे
बड़ी विशेषता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
किलोई
से आए किसान सूरजमल ने कहा कि सरकार को इस प्रकार के मेलों के साथ-साथ
जमीनी स्तर पर किसान सहायता केंद्र या ऑनलाईन हेल्प सैंटर आदि खोलने चाहिए।
कंप्यूटर ज्ञान नहीं होने की वजह से इंटरनेट पर उपलब्ध सुविधाओं से हजारों
किसान वंचित हैं और जिनको जानकारी है, वे बार-बार सरकार की स्कीमों का लाभ
उठा रहे हैं। सफीदों के कर्मवीर सिंह ने बताया कि किसानों के लिए यह टूर
विद नॉलेज है। जो लोग कृषि से जुडें उद्यमों से जुड़े हुए हैं, उनको इससे
काफी फायदा हो रहा है।रोहतक
निवासी भारतभूषण भाटिया ने बताया कि उनको यहां आने से कस्टमर अप्रोच का
जबरदस्त लाभ मिला है, जो वह अपने लोकल बाजार से कभी हासिल नहीं कर पाए। ऐसे
आयोजन डेयरी प्रोडक्ट, खाद्य प्रसंस्करण, बागवानी उत्पादकों के लिए वरदान
से कम नहीं है। कृषि क्षेत्र से जुड़े आर.आर. भारद्वाज ने बताया कि एग्री
समिट से किसानों में जागृति की भावना का प्रसार होगा। आमतौर पर लगने वाले
मेलों में आदमी घूमते-घूमते धूल धक्कड़ से परेशान हो जाता है, किंतु यहां
किसान दूर-दराज से आकर भी नहीं थकता। किसानों के लिए आराम से बैठने, भोजन व
आवागमन की सारी सुविधाएं सरकार ने मुहैया करवाई हैं।
गांव
अलीपुरा यमुनानगर से आए किसान जसबीर सिंह, सरपंच रामकुमार ने बताया कि
यहां उनको काफी नई तकनीकें सीखने को मिली हैं। जिनका उपयोग वे अपने गांव
में जाकर करेेंगे। उन्होंने बताया कि मेले की एक खूबी यह है कि यहां
पुरूषों के साथ-साथ महिलाओं की संख्या उत्साहवर्धक है। मेले में कहीं भी
गंदगी नहीं है और हर जगह व पंडाल में सफाई का विशेष ध्यान रखा गया है।
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