रोहतक। गौरक्षा आंदोलन के अध्यक्ष संत गोपाल दास आज फिर से मानसरोवर पार्क में धरने पर बैठ गये। 6 जून को प्रशासन ने उन्हें जबरन अनशन से उठाकर पी जी आई भर्ती करा दिया था , लेकिन उनकी हालत को देखते हुए उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में दाखिल करा दिया। उन्होंने कहा कि सस्ती लोकप्रियता व राजनीति के चलते गाय से सौतेला व्यवहार हो रहा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गौरक्षा के मुद्दे पर आंदोलन चलाने वाले संत गोपाल दास ने एक बार फिर आंदोलन की राह पकड़ ली है। वे गौरक्षा के मुद्दे पर रोहतक के मानसरोवर पार्क में अनशन पर बैठ गए हैं। संत गोपाल दास ने सरकार को नसीहत दी कि स्वच्छ भारत अभियान चलाने से कुछ नही होता। अच्छी ड्रैस पहनने से काम नहीं चलता मन भी साफ होना चाहिये। चित्त व चरित्र के अलावा सोच भी स्वच्छ नही होनी चाहिये। सरकार गौ माता का हिस्सा खाकर ईमानदारी का बोर्ड नही टांग सकती।
संत गोपाल दास ने कहा कि संतों की सरकार कहलाने वाली सरकार का भी भेद खुल गया। ये जाहिर हो गया है कि सरकार किसकी है। सरकार मुझे प्रताडित तो कर सकती है लेकिन मेरे इरादे को नहीं बदल सकती। गौ माता आज सडकों पर पोलीथीन खाने को मजबूर है। जब तक सरकार गौ माता का गौचारण का हिस्सा नहीं देती तब तक अनशन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि न तो मैं दान लेता और न ही मेरा कोई आश्रम। सरकार ने मुझे जबरन एम्स में ईलाज के लिये भर्ती करा दिया, लेकिन ईलाज की मुझे जरूरत नहीे बल्कि सरकार को है। सरकार चाहे मुझे जबरन खिला दे लेकिन मैं तब तक अन्शन नही तोडूंगा जब तक शरीर में जान है।
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