रोहतक। हरियाणा प्रदेश के अलग–अलग जिलों से बुधवार 18 दिसंबर को सैकड़ों डॉक्टर अपनी समस्या लेकर जयहिन्द के तम्बू में पहुंचे और अपनी समस्या बताई। डॉक्टरों से जयहिन्द को बताया कि बारह साल बाद HPSC द्वारा AMO की भर्ती निकली और इन्हीं भारतीयों में गड़बड़ घोटाला किया गया।
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जयहिन्द ने इसे बहुत गंभीर मामला बताया और मुख्यमंत्री नायब सैनी, स्वास्थ्य मंत्री आरती राव और विभाग के उच्च अधिकारियों से अपील करते हुए कहा कि उन्हें इस मामले पर संज्ञान लेना चाहिए और निष्पक्ष रूप से दोबारा अलग पैनल से कोर्ट की निगरानी में सब्जेक्टिव कॉपीज चेकिंग की जाए। साथ ही जयहिन्द ने सरकार व प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि इस पूरे मामले की पारदर्शिता से जांच की जाए और इन डॉक्टरों की समस्या का समाधान किया जाए वरना हम सभी डॉक्टरों के साथ सड़कों पर उतरेंगे और मुख्यमंत्री से मिलने उनके आवास पर जाएंगे।
हम अपनी समस्या लेकर मुख्यमंत्री नायब सैनी, एचपीएससी कार्यालय व भाजपा के विधायकों व एमपी के पास भी का चुके है लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। हार कर हम बड़ी उम्मीद से जयहिन्द के पास आए है कि हमारी सुनवाई हो ओर हमारी आवाज सरकार व प्रशासन तक पहुंचे व हमारी समस्या का समाधान हो।
डॉक्टरों ने बताया हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन(HPSC) द्वारा लगभग 805 पदों पर आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर(AMO) की भर्ती निकली थी। और इन भर्तियों में पूरे भारत से बच्चे अप्लाई कर सकते थे जबकि दूसरी बहुत सी ऐसी स्टेट है जहां हरियाणा का बच्चा अप्लाई नहीं कर सकता। तो जिन बच्चों ने ऑब्जेक्टिव में टॉप किया था उनको सब्जेक्टिव में फैल कर दिया। यह एक बहुत बड़ा सवाल है कि टोटल 1610 बच्चे पास करने थे लेकिन किया सिर्फ 912 बच्चों को। जबकि पेपर बहुत आसान था और हम पेपर में 15 सवाल करके आए। हमें ऐसा लगता है कि पूरी सेटिंग पेपर से पहले ही हो चुकी थी।
एक महिला डॉक्टर ने बताया कि एक तरफ तो हरियाणा में नए आयुर्वेदिक कॉलेज खोले जा रहे है और दूसरी तरह हरियाणा के ही बच्चों के साथ ऐसा अन्याय हो रहा है। जब इन्हीं बच्चों को नौकरी नहीं मिल रही तो नए कॉलेज खुलने के बाद जो बच्चे पास आउट होंगे उन्हें कैसे नौकरी मिलेगी।
जयहिन्द ने बताया कि यह जो सब्जेक्टिव पेपर किया गया है यह सिर्फ सेटिंग करने के लिए किया गया है। हम मुख्यमंत्री साहब से पूछना चाहते है कि हरियाणा को धर्मशाला क्यों बना रखा है। अच्छी बात की आप दूसरी स्टेट वाले को नौकरी देते हो लेकिन हरियाणा के बच्चे बेरोजगार क्यों रहे। अगर कोई स्टेट हरियाणा के बच्चों को नौकरी देने के लिए तैयार हो तो उन्हें हरियाणा में नौकरी दी जाए नहीं तो हरियाणा की नौकरियों पर पहला हक तो हरियाणा के बच्चों का है।
पहले भी बाहर के बच्चों को नौकरी देने के मामले को लेकर हम जेल जा चुके है और एचपीएससी के बाहर गोबर के उपले व गौ मूत्र डालकर विरोध किया था। जयहिन्द का कहना है कि इस पूरे मामले में करोड़ों का खेल हुआ है अगर इस मामले की जांच की जाएगी तो बहुत से बड़े मगरमच्छ पकड़े जाएंगे।
एक यह बात भी सामने आ रही है कि जिन बच्चों को सिलेक्ट करना था उन्हें पहले ही बता दिया गया था कि अपनी कॉपी पर किसी तरह का निशान बना कर छोड़ दे।
जयहिन्द ने बताया कि जिस तरह से मुख्यमंत्री सैनी साहब द्वारा पीछे एचएसएससी में पारदर्शिता से भर्तियां की गई थी उसी प्रकार इन भर्तियों में भी पारदर्शिता होनी चाहिए। अभी कुछ दिन पहले एमबीबीएस डॉक्टरों की ज्वाइनिंग सिर्फ ऑब्जेक्टिव के आधार पर हुई है।
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