रेवाड़ी। हरियाणा का रेवाड़ी शहर, जो प्रदेश के सबसे गंदे शहरों में गिना जा रहा है, एक बार फिर चर्चा में है। शहर की ग्रीन बेल्ट्स, जिन्हें हरियाली और सुंदरता बढ़ाने के लिए विकसित किया गया था, अब कचरे के ढेर और गंदगी का पर्याय बन चुकी हैं। हालात इतने बदतर हो गए हैं कि शहर को साफ रखने की जिम्मेदारी निभाने वाले विधायक लक्ष्मण सिंह यादव को खुद झाड़ू लेकर सड़कों पर उतरना पड़ा।
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गंदगी के ढेर और बढ़ता डेंगू का प्रकोप
रेवाड़ी की ग्रीन बेल्ट्स, जिनके रखरखाव की जिम्मेदारी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एच.एस.वी.पी.) के पास है, अब डंपिंग यार्ड में तब्दील हो चुकी हैं। इन ग्रीन बेल्ट्स के पास बड़े अस्पताल, स्कूल और झुग्गियों में रहने वाले मजदूर रहते हैं। गंदगी और कचरे के कारण डेंगू जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
स्थानीय लोगों और विभागों की लापरवाही
शहर में गंदगी के लिए केवल संबंधित विभाग ही नहीं, बल्कि स्थानीय लोग भी उतने ही जिम्मेदार हैं। स्थानीय निवासी अपने घरों और दुकानों का कचरा ग्रीन बेल्ट्स में फेंकते हैं। वहीं, सफाई कर्मचारियों पर भी आरोप है कि वे शहर का कचरा इन ग्रीन बेल्ट्स में लाकर डालते हैं और सफाई की कोई सुध नहीं लेते।
झुग्गीवासियों की मुश्किलें
झुग्गियों में रहने वाले मजदूरों ने बताया कि गंदगी के ढेर के पास रहना उनकी मजबूरी है। उनके बच्चे बीमारियों के साए में पल रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से तुरंत ग्रीन बेल्ट्स को साफ करवाने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
विधायक ने दी सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने की अपील
विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने कहा, "शहर को सुंदर और स्वच्छ बनाने के लिए सभी के सहयोग की जरूरत है। एच.एस.वी.पी. और नगर परिषद को विवाद छोड़कर अपने-अपने क्षेत्र की सफाई पर ध्यान देना चाहिए। हमारा लक्ष्य है कि रेवाड़ी प्रदेश का सबसे सुंदर शहर बने।"
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