पानीपत। इंडो-बांग्लादेश थ्रो बॉल
प्रतियोगिता में गोल्ड मैडल जीत कर पानीपत की बेटी ममता चौहान ने एक बार
फिर से साबित कर दिया है कि देश की बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटो से कम
नही है। 17 साल की उम्र से कॅरियर कि शुरुआत करने वाली ममता चौहान अब तक
स्टेट से लेकर इंटरनेशनल लेवल तक दर्जनों मैडल जीत चुकी है। गोल्ड मैडल जीत
कर घर लोटी ममता चौहान का सपना अब ओलम्पिक में गोल्ड मैडल जितना है । पिता
की मौत के बाद ममता को मुसीबतो का सामना करना पड़ा था लेकिन ममता ने होसला
नही हारा ओर लाख मुसीबत सहते हुए मेहनत के बल पर आज अपनी पहचान कायम की है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
ममता
चौहान खेल की दुनिया मे अब एक जाना माना सितारा बन चुकी है । देश को थ्रो बॉल
इंडो बांग्लादेश प्रतियोगिता में गोल्ड मैडल जीत कर ममता ने साबित कर दिया
है कि आने वाले दिनों में ममता ओलम्पिक में भी धमाल मचा सकती है।
मध्यवर्गीय परिवार में जन्मी ममता चौहान ने काफी स्ट्रगल के बाद आज अपने
आपको साबित कर दिया कि प्रतिभा किसी चीज की मोहताज नही होती ।14 मई को
छत्तीसगढ़ में हुई इंडो बांग्लादेश थ्रो बॉल प्रतियोगिता में जबरदस्त खेल
दिखाते हुए ममता ने गोल्ड पर कब्जा जमा लिया। ममता का कहना है कि इसके पीछे
उसकी मेहनत और उसके परिवार का साथ है जो ममता इस मुकाम पर पहुच चुकी
है।आत्मविश्वास से भरपूर ममता चौहान का अगला लक्ष्य ओलम्पिक में खेलना है।
इसके लिए ममता दिन में कई कई घण्टे मैदान पर पसीना बहाती है।
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