उन्होंने बताया कि श्रमिक छह महीने के बाद अन्य दूसरे स्थान पर चले जाते
हैं, ऐसे में उनके बच्चों की शिक्षा पर भी प्रभाव पड़ता है। श्रमिकों के
बच्चों की शिक्षा को मद्देनजर रखते हुए सरकार ने पहली से 8वीं तक के बच्चों
को 8 हजार, 9वीं से 12वीं तक 10 हजार, बीए के विद्यार्थी को 15
हजार,
एमए के विद्यार्थी को 20 हजार रूपए की राशि देने का प्रावधान है। इसके
साथ-साथ आईएएस, इंजिनियरिंग, एडवोकेट, डॉक्टर और अन्य शिक्षा प्राप्त करने
के लिए भी श्रमिकों के बच्चों को फीस व होस्टल का खर्च भी सरकार की ओर से
उपलब्ध करवाया जाता है। उन्होंने श्रमिकों के कल्याण के लिए चलाई जा रही
अन्य स्कीमो के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने 17
सितंबर को करनाल में भगवान विश्वकर्मा जयंती को श्रमिक दिवस के रूप में
मनाने के बारे में बोलते हुए कहा कि इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मनोहर
लाल शिरकत करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों की मांग पर 17 सितंबर
को श्रमिक दिवस मनाने के लिए मुख्यमंत्री से बात-चीत की गई और उन्होंने
मजदूरों की भावना को समझा और यह निर्णय लिया गया। उन्होंने भव्य कार्यक्रम
की दिशा में उपस्थित प्रतिनिधियों से कार्यक्रम से जुड़े विभिन्न
महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की।
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