चंडीगढ़। प्रदेश के इतिहास में पहली बार सांस्कृतिक आदान-प्रदान की दिशा
में एक एतिहासिक कार्यक्रम पंचकुला में आयोजन होने जा रहा है। जिसमें
हरियाणवीं धमाल और गायन के साथ-साथ एशिया व यूरोप के अनेकों देशों के लगभग
चार सौ कलाकार अपने-अपने देश का लोक नृत्य प्रस्तुत करेंगे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इन सभी
कलाकारों का स्वागत ढोल, नगाडे, तासे, बीन, तुम्बे, ढपली आदि वाद्ययंत्रों
को बजाने वाले मंजे हुए कलाकारों द्वारा किया जायेगा। ये सभी कलाकार
इन्द्रधनुष सभागार में विदेशी महमानों को हरियाणवी लोक
वाद्ययंत्रों की मधुर स्वर लहरियों से स्वागत करेंगे।
इस
कार्यक्रम के समन्वयक व रीजनल डायरेक्टर (हरियाणा कला परिषद) गजेंद्र फोगाट
ने यह जानकारी देते हुए बताया कि ये कार्यक्रम प्रदेश सरकार द्वारा कला
एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग, चंडीगढ़ विश्वविद्यालय व रीदम ग्रुप के
संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में जर्मनी,
चीन, ब्राजील, रूस, इटली, साउथ कोरिया, साउथ अफ्रीका, यूक्रेन, थाईलैंड,
टरकी, कोलम्बियां, सिंगापुर, चेकगणराज्य समेत कई देशों के कलाकार लोक
नृत्यक व नृत्यकियां हिस्सा लेंगे। कार्यक्रम में राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त
हरियाणवीं लोक नृत्य धमाल की भी प्रस्तुति की जायेगी जिससे हरियाणा के
मंजे हुए कलाकार सांस्कृतिक कार्य विभाग के निर्देशन में प्रस्तुत करेंगे।
फोगाट ने बताया कि यह कार्यक्रम पंचकुला के इन्द्रधनुष सभागार में सायं
पांच बजे शुरू होगा तथा इसका समापन्न सायं आठ बजे किया जायेगा। कार्यक्रम
के आयोजन के लिए कला एवं सांस्कृतिक विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव
धीरा खंडेलवाल, विभाग के निदेशक महेश्वर शर्मा, चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के
छात्र कल्याण निदेशक प्रो. अरविंद्र सिंह कंग व अतिरिक्त निदेशक मनीष
जांगड़ा व रिदम के निदेशक कई दिनों से कार्यक्रम की सफलता के लिए
प्रयत्नरत है।
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