मोरनी/पंचकूला। हरियाणा सरकार ने मोरनी जैसे पहाड़ी क्षेत्र के लिए एक नई पहल करते हुए स्कूली बच्चों के लिए निशुल्क कैब यातायात सुविधा प्रदान की है, जिसका शुभारंभ आज मांधना में स्थित राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल व टिकरताल के सीनियर सेकेंडरी स्कूल से कालका विधायक लतिका शर्मा ने हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना के राज्य परियोजना निदेशक डॉ एसएस फुलिया की अध्यक्षता में इन कैब वाहनों को झंडी दिखाकर रवाना किया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
लतिका शर्मा ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री के प्रयासों से कालका विधानसभा क्षेत्र में हर वर्ष नई सौगात इस क्षेत्र के लोगों को उपलब्ध हो रही है। गत वर्ष जनवरी में मुख्यमंत्री ने मोरनी के अंतर्गत पडऩे वाले गांव नीमवाला में हिमाचल को जोडऩे वाले पुल की आधारशिला रखी थी और आज मोरनी जैसे पहाड़ी क्षेत्र में जहां पर बसों की आवाजावी मुश्किल है ऐसे में निशुल्क कैब वाहन सेवा आरंभ की है। स्कूली बच्चों को 8 किलोमीटर से अधिक रास्ता पैदल तय करना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि कालका विधानसभा क्षेत्र से हिमाचल में प्रवेश होता है, इसलिए यह क्षेत्र देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने क्षेत्रवासियों की ओर से मुख्यमंत्री का आभार प्रकट करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री इस क्षेत्र में निरंतर चहुमुखी विकास करवा रहे है,ख्जिसके फलस्वरूप कालका विधानसभा क्षेत्र में सडक़ों का जाल बिछा है और इसके साथ साथ पीने के पानी की बेहतर सुविधा की गई है और उनके प्रयासों से ही मोरनी में विश्व हर्बल फोरेस्ट विकसित किया गया है और मोरनी को विश्व के नक्शे पर लाया गया है। इससे इस क्षेत्र के लोगों को रोजगार के अवसर भी प्रदान होंगे।
उन्होंने शिक्षा विभाग के राज्य प्रोजेक्ट निदेशक की कार्यप्रणाली की सहराना करते हुए कहा कि जब वे पूर्व में जिला पंचकूला में उपायुक्त के पद पर कार्यरत थे तब से ही उनको मोरनी जैसे कार्यक्षेत्र का अनुभव है कि यहां पर क्या-क्या समस्याएं है और उन्होंने मैक्सी कैब सुविधा स्कूली बच्चों के लिए जो आरंभ करवाई है, यह अवश्य ही इस क्षेत्र के बच्चों के लिए शिक्षा में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने डॉ एसएस फुलिया से विशेषतौर पर आग्रह किया कि वे इस क्षेत्र का शिक्षा विभाग की ओर से सर्वें करवाएं ताकि जो भी अन्य कमियां है, उन्हें भी प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जा सके।
विधायक ने कहा कि परिषद द्वारा पहले चरण में शिक्षा विभाग ने मोरनी खंड के स्कूलों को चुना है जहां स्कूली बच्चे दूरदराज से काफी दुर्गंम रास्तों से पैदल चलकर स्कूल आते जाते है। शिक्षा विभाग ने स्कूली बच्चों की इस समस्या को देखते हुए प्रति स्कूल के लिए एक स्कूल कैब लगाने की योजना 50 बच्चों के लिए तैयार की है। पहले चरण में सुबह के समय छठी कक्षा से 12वीं कक्षा के छात्र व बाद में छात्राएं स्कूल आएगी।
इसी तरह छुट्टी के बाद पहले छात्राओं को घर छोड़ा जाएगा व बाद में छात्रों को घर छोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में काफी होनहार बच्चे है और मांधना सीनियर स्कूल की छात्रा काजल कॉमर्स में जिलाभर में टॉपर रही। उन्होंने मोरनी क्षेत्र के वासियों को इस प्रोजैक्ट के शुभांरभ होने पर बधाई भी दी।
इससे पूर्व हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना के राज्य परियोजना निदेशक डॉ एसएस फुलिया ने बोलते हुए इस परियोजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गत वर्ष मोरनी, मेवात व पलवल के लिए यह परियोजना तैयार करवाकर भारत सरकार को भेजी गई थी और भारत सरकार ने इसे प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृति प्रदान की, जिसकी शुरूआत आज मोरनी क्षेत्र से की गई है। उन्होंने बताया कि हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा पायलेट प्रोजेक्ट के तहत मांधना तथा टिक्करताल के स्कूली बच्चों के लिए कैब लगाने की शुरूआत की गई है। इस पायलेट प्रोजैक्ट में मोरनी के स्कूलों के बच्चों को स्कूल जाने व घर तक पंहुचाने के लिए चुना गया है। छठी कक्षा से 12 तक के बच्चों को यह सुविधा प्रदान की जा रही है जो दूर दराज से पैदल ही स्कूल पंहुचते है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री के मार्गदर्शन में यह पायलट प्रोजैक्ट मोरनी, मेवात व पलवल में आरंभ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की शुरूआत जो पानीपत से प्रधानमंत्री ने आरंभ की थी, इसी के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने इसे प्रदेश में युद्धस्तर पर लागू किया और इस दिशा में सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे है और यह पायलट प्रोजैक्ट बेटियों को स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करने की दिशा में नीम का पत्थर सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि बच्चों को स्कूल में पंहुचने में काफी समय लगता था, क्योंकि वे सात से दस किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल आते थे। यह सुविधा लागू होने से जहां उनका समय बचेगा वहीं वे बेहतर पढ़ाई करने के साथ साथ घर का कार्य भी कर सकेंगे। कई बार बच्चों की तबीयत खराब हो जाने पर वे कई दिनों तक स्कूल में नहीं आ पाते थे, इन सबसे इस यातायात सुविधा से उन्हें राहत मिलेगी।
डॉ फुलिया ने कहा कि हरियाणा सरकार पहली से पांचवी कक्षा तक के बच्चों को 800 रुपऐ वर्दी के लिए सीधा उनके खाते में जमा करवा रही है और 6 से 8वीं तक के बच्चों को 1000 रुपऐ की राशि दी जा रही है। इसके साथ साथ वजीफा भी उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पौने तीन सौ करोड़ रुपऐ की राशि के कार्य स्कूलों में करवाएं जा रहे है, जिनमें 5600 कार्यों में स्कूल के कमरे, शौचालय, रैंप, प्रशिक्षण कक्ष व अन्य कार्य करवाएं जा रहे है। उन्होंने कहा कि मोरनी जैसे पहाड़ी क्षेत्र में स्कूलों में बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने की दिशा में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आने दी जाएगी।
इस अवसर पर जिला परिषद की वाईस चेयरमैन बबली शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी एचएस सैनी, बीओ डॉ एमएस सिंधु, स्कूल की प्रधानाचार्या बिमला श्योराण, अनूप, कालका मंडलाध्यक्ष संजीव कौशल, हरियाणा शिवालिक विकास बोर्ड के सदस्य पवन धीमान, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी दलजीत सिंह, ठाकुरदास, इस क्षेत्र के पंच व सरपंच प्रोमिला, खूदाना के सरपंच मनफूल शर्मा, टिक्कर के सरपंच डीपी शर्मा, मोरनी महिला मोर्चा की प्रधान निशा ठाकुर, पंचायत समिति के सदस्य कर्ण, शिक्षक व बच्चों के अभिभावक भी उपस्थित रहे।
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