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फसल बीमा: रबी 2016-17 में 2,13,487 किसानों को 291 करोड़ का दिया मुआवजा

Haryana: compensated Rs. 291 crores to farmers in Rabi 2016-17 under Prime crop insurance scheme - Panchkula News in Hindi

पंचकूला। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ 2016 से शुरू हुई, जिसके तहत खरीफ फसलों के लिए प्रीमियम दर अधिकतम 2 प्रतिशत, रबी फसलों के लिए अधिकतम 1.5 प्रतिशत तथा वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए अधिकतम 5 प्रतिशत है। कपास की फसल पर अन्य खरीफ फसलों के समान 2 प्रतिशत ही अधिकतम प्रीमियम होगा तथा अतिरिक्त 3 प्रतिशत का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया गया है। खरीफ फसलों में धान, बाजरा, मक्का व कपास तथा रबी फसलों में गेंहू, जौ, सरसों व चना को शामिल किया है।

विधायक एवं मुख्य सेचतक ज्ञानचंद गुप्ता ने बताया कि फसल बीमा योजना के तहत खरीफ 2016 व रबी 2016-17 में 2,13,487 किसानों को 291 करोड़ रूपये मुआवजे के रूप में बांटे गये तथा खरीफ 2017 में भी स्थानीय आपदाओं से हुए नुकसान का 24 करोड़ रुपये 7103 किसानों को कलेम के रूप में दिया गया है तथा औसत पैदावार में आई कमी का मुआवजा प्रक्रियाधीन है। उन्होंने बताया कि खड़ी फसल में सूखा, बाढ़, जलभराव, कीट एवं बीमारी, आसमानी बिजली, तूफान, चक्रवात व ओलावृृष्टि आदि के रिस्क भी शामिल है। इसके साथ कम वर्षा/विषम मौसमी स्थिति के कारण फसल नहीं बोये जाने एवं फसल कटाई के 14 दिनों तक बेमौसमी वर्षा एवं चक्रवात से हुए नुकसान का भी बीमा शामिल है।

विधायक ने बताया कि बीमित राशि खरीफ 2018 में धान के लिए 73,500 रूपये, कपास के लिए 72,000 रूपये, बाजरा के लिए 36,000 रूपये व मक्का के लिए 41,500 रूपये प्रति हैक्टेयर तक निर्धारित की गई तथा रबी 2018 में बिमित राशि गेंहू के लिए 66,500 रूपये, सरसों के लिए 38,000 रुपये, जौं के लिए 40,500 रुपये व चना के लिए 29,500 रुपये हेक्टेयर तक निर्धारित थी। वर्ष 2018-19 के बजट में इस योजना के लिए 256.15 करोड रूपये का प्रावधान किया गया। खरीफ सीजन 2016 के दौरान 7.38 लाख किसानों की 11.92 लाख हैक्टेयर तथा रबी सीजन 2016-17 मे 5.97 लाख किसानों की 9.07 लाख हैक्टेयर भूमि को कवर किया गया। इसी प्रकार खरीफ सीजन 2017 में 6.41 लाख किसानो की 9.79 लाख हैक्टेयर भूमि को इस योजना के तहत कवर किया गया है तथा इसी प्रकार रबी 2017-18 मे भी 6.97 लाख किसानों की 9.35 लाख हैक्टेयर भूमि को कवर किया गया है। सॉयल हैल्थ कार्ड स्कीम के प्रथम चरण के तहत राज्य में लगभग 13.42 लाख मृदा नमूनें एकत्रित किए गये, जिनका विश्लेषण किया जा चुका है अब तक लगभग 38.76 लाख किसानो का सॉयल हैल्थ कार्ड पोर्टल पर पंजीकरण किया जा चुका है और 45.02 लाख सॉयल हैल्थ कार्ड बनाए जा चुके है और 39.77 लाख सॉयल हैल्थ कार्ड वितरित किए जा चुके है। इस स्कीम का द्वितीय चरण मई 2017 से प्रारंभ हो चुका है तथा इस वितिय वर्ष के दौरान दिनांक 16.02.2018 तक लगभग 7.60 लाख मृदा नमूने एकत्रित किए जा चुके है, जिनमें से 2.86 लाख का विश्लेषण किया जा चुका है, और 1.24 लाख सॉयल हैल्थ कार्ड बनाये जा चुके है।

उन्होंने बताया कि हरियाणा केन्द्रीय पूल में खाद्यान्न योगदान देने वाला देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। वर्ष 2017-18 में कुल खाद्यान्न उत्पादन 170.42 लाख मीट्रिक टन हुआ। वर्ष 2014-15 में धान उत्पादकता के लिए राज्य को कृषि कर्मण पुरस्कार मिला। पर्यावरण एवं मृदा स्वास्थ्य के लिए जैविक खेती को प्रोत्साहित करने हेतु जैव उर्वरकों पर लागू 5 प्रतिशत वैट को समाप्त किया। वर्ष 2015-16 के दौरान पहली बार बाजरे की सरकारी खरीद बड़े पैमाने पर सुनिश्चित की गई। वर्ष 2016-17 के दौरान पहली बार मूंग की सरकारी खरीद बड़े पैमाने पर सुनिश्चित की गई। वर्ष 2017-18 के दौरान पहली बार सरसों की सरकारी खरीद बड़े पैमाने पर सुनिश्चित की गई।

उन्होंने बताया कि परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत वर्ष 2016-17 के दोरान जैविक खेती के 50-50 एकड़ के 20 कलस्टर बनाए गए। वर्ष 2017-18 में सभी कलस्टर वाले किसानों को पी0जी0एस0 में रजिस्टर करवाया व ट्रेनिंग कैंप तथा शिक्षण भ्रमण करवाया गया। हरियाणा के सभी ब्लॉकों मे एक क्लस्टर 50 एकड़ का जैविक खेती के लिए परम्परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत चयन किया जायेगा। सुरजमुखी की सरकारी खरीद 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 57 प्रतिशत की गई। वर्ष 2018-19 के बजट में कृषि क्षेत्र के लिए प्लान स्कीमों में 3546.80 करोड़ रूपये का प्रावधान, जोकि 2017-18 के बजट से 39.77 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में सात सूत्रीय कार्यक्रम लागू किया है। केंद्र सरकार द्वारा बजट 2018 में लिये निर्णयानुसार सभी रबी व खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य उनकी उत्पादन लागत का कम से कम डेढ़ गुणा होगा। प्रदेश में किसानों की स्थिति सुधारने और 2022 तक उनकी आय दोगुनी करने के लिए हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण का गठन किया गया है। इसमें एक कृृषि सलाहकार बोर्ड का गठन किया जाएगा।

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