उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के लिये होर्डिंग्स, पोस्टर और
झंडे इत्यादि जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित स्थानों पर ही लगाये जा सकते
है और बिना अनुमति के किसी भी सरकारी संपति पर यह सामग्री चिपकाने व लगाने
की स्थिति में संबंधित उम्मीदवार और राजनैतिक दल के विरूद्ध डिफेसमैंट आॅफ
प्रोपर्टी एक्ट के तहत कार्यवाही अमल में लाई जायेगी। उन्होंने कहा कि
लोगों की निजी संपति और भवनों पर झंडे लगाने व प्रचार सामग्री चस्पा करने
से पहले भी लिखित अनुमति लेना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि कोई
भी राजनैतिक दल दूसरे राजनैतिक दल की जनसभा व जलूस में बाधा नहीं डाल सकता।
यदि एक ही दिन में दो या उससे अधिक पार्टीयों द्वारा जलूस निकाला जाता है
तो उन्हें अपने रूट प्लान सहित प्रशासन से पूर्व अनुमति लेनी होगी।
उन्होंने अधिकारियों को भी निर्देश दिये कि जो भी राजनैतिक दल अथवा
प्रत्याशी जनसभा, जलूस निकालने अथवा प्रचार सामग्री इत्यादी चिपकाने के
स्थानों के लिये पहले आवेदन करेगा, उसे ही पहले अनुमति दी जाये।
उपायुक्त
ने राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को यह निर्देश भी दिये कि वे चुनाव
प्रचार व जनसभा में लाउड स्पीकर इत्यादि का प्रयोग करने के लिये भी प्रशासन
से पूर्व अनुमति अवश्य लें। उन्होंने कहा कि लाउड स्पीकर का प्रयोग प्रातः
6 बजे से रात्रि 10 बजे तक ही किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि चुनाव
प्रचार के लिये प्रयोग किये जाने वाले वाहनों की भी अनुमति लेना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि मतदाताओं को धन, शराब, उपहार व अन्य प्रकार के प्रलोभन
देना चुनाव आदर्श संहिता का उल्लंघन है।
उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान धन
व शराब के गैर कानूनी प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने के लिये दोनों विधानसभा
क्षेत्रों में प्लाइंग्स स्क्वायर्ड गठित की जा रही है। उन्होंने कहा कि इन
टीमों द्वारा न केवल गैर कानूनी गतिविधियों पर नजर रखी जायेगी बल्कि ऐसा
कोई मामला ध्यान में आने पर पूरी कार्यवाही की विडियो ग्राफी भी की जायेगी।
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