पलवल। पलवल जिले के गाँव राखोता में मास्टर राजेंद्र पुनिया परंपरागत खेती को छोड़कर बागवानी की ऑर्गेनिक खेती कर लाखों रुपए कमा रहे हैं साथ ही दूसरे किसानों को भी परंपरागत खेती की छोड़कर बागवानी की खेती करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। वो अपनी सब्जी और फलों को मंडी न ले जाकर सीधे फरीदाबाद में ग्राहकों को बेचते हैं जिससे उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है
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गांव राखौता के प्रगतिशील किसान मास्टर राजेंद्र पुनिया ने बताया कि उन्होनें परम्परागत खेती को छोडक़र बागवानी की खेती शुरू की है। बागवानी की खेती करने से किसानों को काफी लाभ होता है। कम लागत में अधिक पैदावार ली जा सकती है। इसके लिए सरकार द्वारा उन्हें अच्छी सब्सिडी भी मिलती है। उन्होंने कहा कि बागवानी की खेती के लिए जीवामृत तैयार करते है। जिससे फसल का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है और आमदनी भी अच्छी होती है। उन्होंने टमाटर, बैंगन, तरबूज, खरबूज, कद्दू, पेठा, मिर्च, ककड़ी, करेला जैसी अनेकों दर्जनों फसल गाय के गोबर की खाद तैयार पैदा की हैं क्योंकि ऑर्गेनिक सब्जी और फल लोगों के लिए स्वास्थ के लिए भी लाभदायक होती है वो रोजाना अपनी गाड़ी से फसल गाँव से ले जाकर फरीदाबाद में बेचते हैं एक दिन में उन्होंने 5 सर 10 हजार रुपए तक की सब्जी और फल बेचे हैं वो ज्यादातर अपनी खेती का काम खुद करते हैं जरूरत पड़ने पर लेबर की मदद लेते हैं इससे उन्हें रोजगार भी मिलता है बागवानी विभाग द्वारा पलवल जिले में किसानों को बागवानी की खेती करने के लिए प्रेरित कर रहा है। प्रगतिशील किसान राजेंद्र पुनिया ने अन्य किसानों को प्रेरित करते हुए कहा की किसान परम्परागत खेती को छोडक़र बागवानी की खेती करें। बागवानी की खेती करने से किसानों की आय दोगुणा हो सकती है। बागवानी की खेती जिसमें फल,फूल,सब्जियां शामिल है। इसके अलावा मधुमक्खी पालन,मशरूम की खेती कर सकते है। किसानों को बागवानी की खेती करने पर डीबीटी के माध्यम से सीधे किसान के खाते में अनुदान की राशि भेजी जाती है।
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