कासिम खान नूंह।बारिश के बाद यूरिया नहीं मिलने से किसानों में बेचैनी शुरू हो गई है।
खाद बिक्री केंद्रों से किसानों को खाली हाथ वापस जाना पड़ रहा है। इससे
किसान गेहूं की फसल को लेकर परेशान हैं, वहीं अधिकारी आजकल में खाद आने की
बात कह रहे है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राजेन्द्र, बाबूराम, हाजी इब्राहीम, वहीद,
खुर्शीद, जुहरूदीन, सम्मा, जब्बार, अख्तर अली आदि किसानों का आरोप है कि है
फसल की बुवाई के दौरान देरी से खाद मिली। अब पिछले एक पखवाड़े से किसान खाद
बिक्री केंद्रों के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन खाद नहीं मिल पा रहा है।जिसकी वजह से वह बेहद परेशान हैं। किसानों ने बताया की बरसात के बाद गेंहू
की फसल में यूरिया का छिड़काव करना जरूरी है। समय रहते ऐसा न करने पर गेहूं
की फसल पर बुरा असर पड़ सकता है।
किसानों का कहना है कि बिक्री केंद्रों पर
यूरिया कब आएगा। इस बाबत सही जानकारी नहीं दी जा रही है। किसान साल भर
खेतों में मेहनत मजदूरी करते हैं। लेकिन समय पर सरकार किसानों को खाद
उपलब्ध कराने में असफल हो रही है। खाद बिक्री केंद्रों पर खाद मिलने के
बजाय ताला लटका हुआ है। खाद के लिए पड़ोसी राज्य राजस्थान व आसपास के कस्बों
तक खाद की तलाश में किसानों को धक्के खाने पड़ रहे है। लेकिन उन्हें खाद
उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। उपमंडल कृषि अधिकारी अजीत सिंह ने बताया की
अधिकांश किसानों की खाद की जरूरत पूरी हो चुकी है। 20 हजार बैग के लिए उच्च
अधिकारियों को प्रस्ताव भेजा हुआ है। जिसका आजकल में रैक लग जायेगा।
जिसके बाद यूरिया की कमर नहीं रहेगी।
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