नूंह। शहीद हसन
खां मेड़िकल कॉलेज बंद होने के कगार पर है। कॉलेज के अस्पताल में मरीजों के
लिए दवा मौजूद नहीं है। डाक्टरों कमी से जूझ रहे अस्पताल में मरीजों की सही
देख-भाल नहीं हो पा रही है। दूर-दराज से आए ग्रामीण कई -कई दिनों से
उपचार के इंतजार में है। मरीजो का आरोप है। कि कॉलेज अस्पताल स्वंय को
उपचार की आवश्यकता है।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
500 करोड़ रूपये की लागत से बने इस मेड़िकल कॉलेज
से मेवात ही नहीं बल्कि साथ लगते राजस्थान व उत्तरप्रदेश के ग्रामीण आंचल
में बसे गरीब लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर काफी उम्मीद थी। वर्ष 2011
में शुरू हुए कॉलेज अस्पताल में शुरुआत में काफी मरीज उपचार के लिए आने
लगे थे, लोगों का उपचार लाभ भी सही मिल पाया था। कॉलेज अस्पताल में
धीरे-धीरे डाक्टरों की संख्या कम होती गई आज उसी का परिणाम है। कि मरीजों
की ओपीडी संख्या अनुसार अस्पताल में डाक्टरों की भारी कमी है। पिछले चार
साल में अनेक डाक्टर यंहा से तबादला करा या नौकरी छोड़ ककर अन्य अस्पताल में
जा चुके है।
डाक्टरों की कमी से मरीजों की देख-भाल प्रभावित हो
रही है। सरकार की ओर से प्रदेश स्तरीय वरिष्ठ अधिकारी अनेक बार कॉलेज का
दौरा कर मरीजों की परेशानी से रू-ब-रू हो चुके है। हर बार अधिकारियों
द्वारा यही आश्वासन दिया जाता रहा है कि कॉलेज अस्पताल में डाक्टरों व अन्य
संशाधनों की कमी को शीघ्र दूर किया जाएगा। अस्पताल में मरीजों के लिए
प्रर्याप्त दवा मौजूद नहीं है। मरीजों को अपनी जेब ढंीली कर निजि मेड़िकल
स्टोरों से दवा खरीद कर लाना पड़ रही है। अस्पताल में प्रर्याप्त स्टेक्चर
भी नहीं होने से कई महिलाओं को फर्श पर बच्चों को जन्म देना पड़ा है। इसके
अलावा गंभीर बीमारियों से पीड़ीत मरीजों को वार्ड तक पंहुचाना या अन्य
स्थानों पर लाने-लेजाने में तीमारदारों को काफी परेशानियों का सामना करना
पड़ रहा है।
अस्पताल में उपचार के लिए आए मरीज खुर्शीद सरपंच
सिरोली,लियाकत अली तावड़ू,शिव कुमार, अनिल,वकील आदि ने बताया कि अस्पताल
मेें उपचार के नाम पर कुछ नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि मौजूदा
डाक्टरों का मरीजों के प्रति व्यवहार अच्छा नहीं है। सारी दवा बाहर से लाना
पड़ रही है। उन्होंने बताया कि अस्पताल मेें उपचार के लिए भर्ती मरीज
धीरे-धीरे अन्य अस्पतालों की ओर रूख कर रहे है।
इस संबंध में कॉलेज
के निदेशक डा. संसार चंद ने बताया कि दवाओ की कमी है। दवाओं की कमी को
शीघ्र दूर करने के प्रयास जारी है। उन्होंने कहा कि डाक्टरों की कमी को
पूरा करने के लिए सरकार स्तर पर कार्यवाही चल रही है। संसार चंद ने कहा कि
मरीजों के सामने जो परेशानी आ रही है उसको शीघ्र दूर किया जाएगा।
फेक न्यूज पर सोशल मीडिया को जवाबदेही बनाने के लिए भारत प्रतिबद्ध : केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव
मुख्यमंत्री काफिले में हादसा : घायल एएसआई ने इलाज के दौरान दम तोड़ा, सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
शेहला राशिद ने 370 से पहले घाटी में सेना की कार्रवाई पर एजेंडा चलाने वालों को किया 'बेनकाब'
Daily Horoscope