नूंह। फर्जी शैक्षिणक प्रमाण पत्र के आधार पर सरपंच बनी राजबाला
को जिला उपायुक्त के आदेश के बाद सस्पेंड कर , पंच को कार्यवाहक सरपंच को
पद की गोपनीयता की शपथ कमल सिंह खंड़ विकास पंचायत अधिकारी सहायक व अनिल
पांडे ने दिलाई । ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
ज्ञात हो कि
डेढ वर्ष पूर्व हुए सरपंच के चुनावों में खेड़ा-शाहपुर की राजबाला को 64
मतों से जीतने पर गांव का सरपंच चुना गया लेकिन गांव के एक पक्ष ने शुरू
से ही उसके शैक्षिणक प्रमाण पत्र पर उंगली उठाते हुए उन्हें फर्जी बताया ओर
तिजारा के एक स्कूल से आरटीआई के माध्यम से सारी सच्चाई सामने आ गई और
फर्जी दस्तावेज का मामला सामने आ गया। दूसरी पार्टी ने इस सारे मामले को
समय समय पर मीडिया के सामने उठाया और जिले के उच्च अधिकारियों को सारी
जानकारी देकर उन्हें इस फर्जी मामले से अवगत कराया। यहां तक कि मामले को
लेकर एक पक्ष ने माननीय अदालत की गुहार भी लगाई और मामले को लेकर जिले के
उपायुक्त मनीराम शर्मा ने जांच कर सरपंच को दोषी मानते हुए सस्पेंड कर
दिया। वही सरपंच ने अपनी गिरफ्तारी पर रोक के लिए अग्रिम जमानत की अरजी दी
लेकिन हाई कोर्ट ने बेल देने से इंकार कर दिया। जबकि सरपंच गांव से फरार
है। वही गांव के विकास कार्यो में बांधा हो रही है। इसके लिए
गांव के ही पंचों में से एक को कार्यवाहक जाहुल पुत्र काले खा सरपंच बनाया
गया है ताकि विकास की गति गांव में नही रूक सकें। इस मौके पर पंच पूनम,
मनीषा, महमूद, शाहीन, सरोज मौजूद रहे।
सच्चाई की जीत हुई
खेडा
शाहपुर के ग्रामीण मौहम्मद हनीफ, सिरदार, जोरमल, शमशूदीन गूमल , हमीदा,
अख्तर हुसेन, शबबीर, ताहिर का कहना है कि इस मामलेे में सच्चाई की जीत हुई
है। सरपंच ने इस मामले को दबाने के लिए राजनेताओं का सहारा लिया लेकिन
कानून के आगे किसी की नही चलती और आखिरकार जिले के उपायुक्त ने न्याय करते
हुए सरपंच के शैक्षिणक प्रमाणों को फर्जी मानते हुए सरपंच को सस्पेंड कर
दिया है।
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