कासिम खान ,नूंह। पारा 3 डिग्री से भी नीचे तक पहुंच रहा है। जानलेवा सर्दी में इंसान तो
क्या पशु - पक्षी तक भी शाम ढलते ही सुरक्षित ठिकानों में पहुंच जाते है,लेकिन होमगार्ड के अधिकारियों को जवानों की जान की कोई परवाह नहीं है।
होमगार्ड के हटाए गए करीब 105 जवान पिछले करीब 15 दिन से दिन रात नौकरी
बहाली के अलावा अन्य मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे जवानों की
जान पर बन आई है।अलाव के सहारे कड़ाके की ठंड में रोजी - रोटी की आस में
जवान बैठे हुए हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
विभाग ने पिछले 9 माह का वेतन नहीं दिया ऊपर से नौकरी
भी छीन ली। होमगार्ड के जवानों को भाजपा का साथ तो नहीं मिला लेकिन
कांग्रेस - इनेलो ने सड़क से लेकर विधानसभा तक इस लड़ाई को लड़ने का भरोसा
जवानों को दिलाया। हटाए गए जवान न्याय के लिए एसपी नाजनीन भसीन नूंह से
लेकर डीजीपी होमगार्ड बीके सिन्हा से चंडीगढ़ तक मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन
नतीजा ढाक के तीन पात वाला ही रहा है। होमगार्ड के जवानों की नौकरी गई ,
तो घरवाली भी जेब में नोट नहीं होने से नाराज होकर मायके चली गई। कई जवान
हताश - निराश हैं। कई जवान नौकरी की आस में कड़ाके की ठंड में बीमार भी हो
चुके हैं ,लेकिन जिला कमांडेंट कर्मबीर सिंह अपनी जिद पर अड़ा हुआ है। ये
आलम तब है जब एसपी नाजनीन भसीन तक ने उसे कार्यशैली के चलते फटकार तक लगाई।
इतना ही नहीं होमगार्ड के अधिकारियों तक फ़ोन कर हड़ताली जवानों की पैरवी
की।
नाराज जवान एसपी नाजनीन भसीन नूंह के पक्ष से पूरी तरह संतुष्ट हैं
,लेकिन उनका अपना विभाग उनका साथ नहीं दे रहा है। दरअसल जिला कमांडेंट
कर्मबीर सिंह को नूंह जिले के कार्यालय में फैले भ्र्ष्टाचार को दूर करने
तथा नियुक्तियों को ठीक करने की जिम्मेवारी विभाग ने दी थी , लेकिन उन पर
ही भ्रष्टाचार से लेकर कई तरह के आरोपों का सामना करना पड़ा। जिला कमांडेंट
कर्मबीर सिंह ने 105 जवान हटाए तो उन्होंने धरना - प्रदर्शन शुरू कर दिया।
लघु सचिवालय नूंह के बाहर गत 22 दिसंबर से होमगॉर्ड गए जवान
अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चल रहे हैं। जानलेवा सर्दी से रोजगार की चाहत में
लड़ रहे हैं। विभाग को किसी हादसे का इंतजार है। नाराज होमगार्ड जवानों का
साफ कहना है कि अगर जान - माल की क्षति किसी होमगार्ड को हुई तो उसका
जिम्मेवार जिला कमांडेंट कर्मबीर सिंह होगा। जब इस बारे में जिला कमांडेंट
कर्मबीर सिंह ने कहा कि शारीरिक रूप से कमजोर होने तथा दस्तावेज नहीं होने
के कारण जवानों को हटाया गया है। कुल मिलाकर होमगार्ड विभाग के आला अधिकारी
मामले को सुलझाने की पहल नहीं कर रहा है ,विभाग को इस जानलेवा मौसम में
किसी हादसे का इंतजार है।
एसपी
के सामने बताई आपबीती
एसपी नाजनीन भसीन ने होमगार्ड के जवानों के
मामलों को सुलझाने के लिए जिला कमांडेंट होमगार्ड कर्मबीर सिंह और हड़ताली
जवानों को आमने - सामने बैठाकर सारा माजरा समझा तो होमगार्ड के जवानों को
उम्मीद की किरण नजर आने लगी , एसपी नाजनीन भसीन ने तो जिला कमांडेंट की
कार्यशैली से लेकर जवानों की पैरवी के लिए आला अधिकरी को चंडीगढ़ कार्यालय
तक भी फ़ोन किया , लेकिन चंडीगढ़ डीजीपी से मिलने के बाद भी नाराज जवानों को
कोई पुख्ता भरोसा नहीं मिला।
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