कासिम खान मेवात। अल
आफिया सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा में आठ दिनों से अपनी मांगों को लेकर
हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने कहा की सरकार उनकी मागों को नहीं मानती है ,
तो वह अनिश्चिकालीन धरना शुरू कर दिया जायेगा। कर्मचारियों के तेवर गर्म
हैं और आरपार की लड़ाई के लिए मैदान में डटे हैं। हड़ताल का सबसे ज्यादा
असर स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा है। मरीजों को निराशा हाथ लग रही है।
कामकाज पूरी तरह ठप है। एम्बुलेंस का पहिया भी हड़ताल ने थाम कर रख दिया है।
वहीं हड़ताल पर बैठे प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य रिहान रजा ने कहा कि
सरकार ने 12 हजार से ज्यादा एनएचएम के अस्थाई कर्मचारियों को सेवा मुक्त कर
दिया है। लेकिन बर्खास्तगी से हम डरने वाले नहीं हैं। ये हड़ताल तब तक खत्म
नहीं होगी, जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जाती है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एनएचएम कर्मचारियों
ने कहा कि हड़ताल के कारण लोगों को बड़ी परेशानी हो रही है। हमारी मांगें
जायज है। लेकिन सरकार उन्हें पूरा नहीं कर रही है। वैसे तो पूरे सूबे में
अनुबंध आधार पर लगे कर्मचारियों की संख्या अच्छी खासी है ,लेकिन नूंह जिले
में तो लगभग 80 फीसदी कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग में अनुबंध आधार पर लगे हुए
हैं। नूंह जिले में कुल 20 फीसदी लोग ही स्वास्थ्य विभाग में नियमित है।
एनएचएम के तहत लगभग 550 कर्मचारी है ,जिन्हें स्वास्थ्य विभाग ने बर्खास्त
कर दिया है। जब तक कर्मचारियों को बहाल नहीं किया जायेगा, तब तक हड़ताल
इसी तरह जारी रहेगी। कर्मचारियों के मुताबिक गत 7 दिसंबर को एमडी एनएचएम
के साथ कर्मचारी नेताओं की बैठक भी हुई , लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी
और सरकार हिटलरशाही कर रही है ,लेकिन कर्मचारी इसे किसी भी सूरत में
बर्दास्त नहीं करेंगे। कर्मचारियों के मुताबिक कच्चे कर्मचारियों को पक्का
करने, समान काम - समान वेतन,सेवा नियम इत्यादि मुख्य मांगें अनुबंध आधार
के कर्मियों की हैं, जिन्हें सरकार सिरे चढ़ाने के बजाय टालमटोल कर रही है।
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