फिरोजपुर झिरका (नूंह)। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेशवासियों को विकास परियोजनाओं की सौगात दी है। नूहं के फिरोजपुर झिरका से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मुख्यमंत्री ने मंगलवार को 2741 करोड़ रुपए की 347 परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया। इनमें 1270 करोड़ रुपए की 157 परियोजाओं का उद्घाटन और 1462 करोड़ रुपये की लागत की 190 परियाजनाओं का शिलान्यास शामिल है। मुख्यमंत्री ने फिरोजपुर झिरका में नूंह जिले की भी 305 करोड़ रुपए की 9 परियोजनाओं को लोकार्पित किया। जिलों में मंत्रियों, सांसदों और विधायकों ने विकास परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया।
मुख्यमंत्री ने नूंह विधानसभा क्षेत्र के 66 गांवों के लिए 4 नई पेयजल परियोजनाओं की घोषणा की। इस पर लगभग 306 करोड़ रुपए खर्च होंगे। वहीं नूंह से मुंडाका गांव तक की सड़क के निर्माण की भी घोषणा की। यह कार्य नवंबर तक शुरू होने हो जाएगा। इसके अलावा, फिरोजपुर झिरका में 80 गांवों में पेयजल क्षमता को 55 एलपीसीडी से बढ़ाकर 70 एलसीपीडी करने की भी घोषणा की। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि आज उद्घाटन की गई रैनीवेल आधारित पेयजल योजना नूहं जिला के लिए सबसे बड़ी परियोजना है, जिसका सीधा लाभ फिरोजपुर झिरका के क्षेत्रवासियों को होगा। इस जिले में जहां पहले बिजली नहीं थी, पानी नहीं था, यहां तक की सिंचाई के लिए भी पानी नहीं था, जहाँ सड़कों की भी बुरी हालत थी, आज हम उन स्थानों पर पानी की कोई कमी नहीं रहने देंगे।
पिछली सरकारों ने नूंह को पिछड़ा बनाए रखाः
मनोहर लाल ने कहा कि नूंह जिले को पिछड़ा कहा जाता रहा है। पिछली सरकारों ने इसको हमेशा पिछड़ा बनाकर रखा। लेकिन हमारी सरकार आने के बाद हमने हरियाणा एक-हरियाणवी एक का संकल्प लेते हुए हर जिले में एक समान विकास करवाना सुनिश्चित किया। जहां हमारा कोई प्रतिनिधि नहीं है, वहां भी हमने विकास की गति को कम नहीं किया। दिल्ली-मुंबई कोरिडोर नूंह जिले से निकलता है। इस कॉरिडोर के कारण इस इलाके में उद्योग लगेंगे जिससे नौजवानों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
कांग्रेस के नेता बेरोजगारी के नाम पर करते हैं भ्रामक प्रचारः
मनोहर लाल ने कहा कि कांग्रेस के नेता बेरोजगारी के नाम पर भ्रामक प्रचार करते हैं। उन्होंने एक मैगजीन को इशारा कर रखा है कि भाई इतने-इतने प्रतिशत दिखा दो और हरियाणा में कभी 35 प्रतिशत, कभी 40 प्रतिशत तक बेरोजगारी दिखाते हैं। जबकि वास्तविकता यह है कि किसी भी विकासशील व विकसित प्रदेश में 6-7 प्रतिशत बेरोजगारी मानते हैं और इतनी बेरोजगारी स्वाभाविक है।
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