बालाकोट के बाद हमारे एक वीर सपूत को पाकिस्तान ने कब्जे में ले लिया था।
48 घंटे के भीतर पाकिस्तान को उसे छोडऩा पड़ा था। तब कांग्रेस और उसके
दरबारियों ने पाकिस्तान प्रधानमंत्री की तारीफ में कसीदे पढऩा शुरु कर दिए।
उनके लिए नोबेल पुरस्कार तक की मांग कर दी। कांग्रेस सिर्फ एक ही परिवार
की चिंता में डूबी रहती है। इसलिए भारत के हितों की रक्षा करने में कभी
गंभीरता नहीं दिखाई गई।
देश आजाद होने से लेकर अब तक हिंदुस्तान के किसानों
के हक का पानी पाकिस्तान जा रहा है। लेकिन दशकों तक कांग्रेस के लोग इस पर
एक शब्द नहीं बोले। ये चौकीदार भारत के हक का एक-एक बूंद पानी देश के
किसान तक पहुंचाने के लिए संकल्प करके बैठा है। इन्होंने भारत की संस्कृति
को बदनाम करने का अभियान छेड़ा हुआ था।
पानीपत के पास समझौता एक्सप्रेस में
ब्लास्ट हुआ था, तो कांग्रेस ने हिन्दू आतंकवाद का झूठ गढऩे के लिए
निर्दोष लोगों को सालों तक जेल में रखा। लेकिन कांग्रेस के इस षड्यंत्र का
पर्दाफाश हो गया। मैं कांग्रेस और उसके साथियों को मनमानी नहीं करने देता
हूं, उनके भ्रष्टाचार को रोकता हूं, उनके वंशवाद की बात करता हूं, इसलिए ये
लोग बार-बार प्रेम का नकाब पहनकर मुझे गालियां देते रहते हैं।
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